नई दिल्ली । हॉलीवुड अभिनेत्री शेरन स्टोन ने हाल ही में यह राज़ खोला था कि 1992 की उनकी फ़िल्म 'बेसिक इंस्टिंक्ट' में अंडरवियर उतारने का उनका बेहद चर्चित दृश्य उनके साथ धोखे से फ़िल्माया गया था। इस दृश्य में उनका किरदार पुलिस पूछताछ के दौरान ऐसा करता है।
हाल ही में प्रकाशित अपने संस्मरण में उन्होंने लिखा था कि उनसे कहा गया था कि वो शूटिंग के दौरान अपना अंडरवियर उतारें क्योंकि 'सफ़ेद रंग रोशनी के विपरीत होगा' और दर्शक 'कुछ भी नहीं देख पाएंगे।' लेकिन बाद में उन्होंने और पूरी दुनिया ने जाना कि वे बहुत कुछ देख सकते थे। 
फ़िल्म के निर्देशक पॉल वर्होवन ने इन दावों को ख़ारिज किया था। उन्होंने कहा था कि शेरन को पता था कि क्या हो रहा है और उन्होंने शेरन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। 
लेकिन शेरन का कहना है कि जो भी हुआ उससे उन्होंने ख़ुद को ठगा हुआ महसूस किया और इसने उन्हें तक़रीबन तोड़कर रख दिया।
आस्था खन्ना भारत की पहली और इकलौती प्रमाणित इंटिमेसी कॉर्डिनेटर (अंतरंगता संयोजक) हैं। वो कहती हैं, "अगर मैं वहां होती तो मैं उन्हें उनकी त्वचा के रंग का अंडरवियर देती।" 1990 की शुरुआत में जब बेसिक इंस्टिंक्ट शूट हुई थी तब इंटिमेसी कॉर्डिनेटर का नाम किसी ने सुना भी नहीं था, जो कि कलाकार को कोई नग्न या सेक्स सीन करते समय अधिक सहूलियत दे पाता। 2018 में एचबीओ ने घोषणा की थी कि वह 1970 के न्यूयॉर्क की सेक्स और पॉर्न इंडस्ट्री पर बन रही 'द ड्यूस' सिरीज़ के लिए अभिनेत्री एमिली मीड की मांग पर अपने पहले इंटिमेसी कॉर्डिनेटर को रख रहा है।
मंदाकिनी कहती हैं कि भारत में मुख्यधारा के सिनेमा में पारंपरिक तौर पर सेक्स और नग्नता को नज़रअंदाज़ किया जाता है, यहां तक कि चुंबन को भी वर्जित समझा जाता है क्योंकि फ़िल्म निर्माताओं का कहना है कि वे ग़ैर-पारिवारिक फ़िल्म नहीं बनाना चाहते हैं। 
सख़्त सरकारी नियमों और सेंसर बोर्ड के कारण बॉलीवुड फ़िल्मों में सेक्स और अंतरंगता को दिखाने के लिए बेहद रचनात्मक तरीक़ों को अपनाया जाता रहा है जिनमें दो फूलों का छूना, पक्षियों का चुंबन लेना, उबलते दूध का बह जाना और बिस्तर की चादरों की सिलवटें दिखाना शामिल रहा है। हालांकि, बीते एक या दो दशकों में फ़िल्मों में चुंबन के दृश्य आने लगे हैं और कई स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर सेक्स और नग्नता भी देखी जा सकती है।