उमरिया में अस्पताल नहीं जाने की जिद पर अड़ा था संक्रमित, अधिकारी भी नाकाम रहे, 3 दिन बाद कलेक्टर घर पहुंचे, तब भिजवाया

आमतौर कोरोना पॉजिटिव मरीज को अस्पताल और निगम या परिषद कर्मचारी उसे एम्बुलेंस से अस्पताल में भर्ती करवाने ले जाते हैँ, लेकिन किसी संक्रमित को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए खुद कलेक्टर को घर तक आना पड़े। सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन ऐसा मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में हुआ। यहां बुधवार शाम नौरोजाबाद नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 2 मुंडी खोली निवासी नागरिक के घर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव पहुंचे। कलेक्टर के साथ स्वास्थ्य विभाग का अमला, पुलिस और एंबुलेंस समेत अन्य वाहन मौजूद रहा।

3 दिन पहले शहडोल मेडिकल से रैपिड रिस्पांस टीम के पास कोरोना पॉजिटिव की जानकारी आई। नागरिक को कोविड-19 अस्पताल ले जाने टीम उसके घर पहुंची। टीम के पहुंचते ही युवक ने उन्हें डांटकर भगा दिया। यह कोशिश कई बार होने के बाद नगर परिषद के कर्मचारियों ने नौरोजाबाद थाना प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह गहरवार को बताया। उन्होंने भी पॉजिटिव को अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। लगातार तीन दिन की कोशिश के बाद कर्मचारी जब युवक को अस्पताल ले जाने में असफल साबित हुए, तो बुधवार शाम कलेक्टर को आना पड़ा।

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के साथ मौजूद अमले को देखकर युवक अस्पताल जाने के लिए तैयार हुआ। उसे एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। कलेक्टर बताते हैं कि कोरोना का चेन तोड़ने के लिए ऐसे प्रयास जरूरी हैं। वहीं, नगर परिषद नौरोजाबाद के सीएमओ रीना राठौर के मुताबिक कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति कर्मचारियों से अभद्रता करता था। इसकी जानकारी कलेक्टर को दी।