भोपाल । राजधानी से औदयोगिक नगरी मंडीदीप के लिए 45 सिटी बसों का संचालन शुरु किया गया है, लेकिन इस मार्ग में भी निजी बस आपरेटर बाधा बन रहे हैं। बीसीएलएल के बस चालक और परिचालकों से निजी आपरेटर के लोग अभद्रता करते हैं। वहीं सस्ते किराए के चक्कर में सिटी बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों पर भी उनकी बसों में चढ़ने के लिए दबाव बनाते हैं। जिससे यात्रियों में दहशत का माहौल बना रहता है। इसका एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया में बहुप्रसारित हो रहा है। जिसमें निजी आपरेटर के लोग बीसीएलएल के बस चालकों से गाली-गलौज कर रहे हैं और बस को आगे बढ़ाने की चेतावनी दे रहे हैं। बता दें कि निगम सीमा से बाहर सिटी बसों का संचालन बंद होने के बाद 136 बसों के पहिए थम गए थे। अब इनका संचालन फिर शुरु कर दिया गया है। जिसके बाद अब सिटी बसों की संख्या 386 हो गई है। हालांकि टीआर-4 और टीआर-4 बी रूट की 45 बसें जरूर निगम सीमा से बाहर सिर्फ मण्डीदीप तक चल सकेंगी। ऐसा इसलिए कि सिटी बसों का यह सबसे बड़ा रूट है, जिस पर बड़ी संख्या में लोग यात्रा करते हैं। शहर में चलने वाली 386 में से 136 बसों के परमिट कैंसिल होने से नौ मार्ग प्रभावित हो रहे थे। इसमें सबसे बड़ा रूट मण्डीदीप का था। इसलिए बीसीएलएल के आपरेटर ने सिर्फ टीआर-4 बी गांधी नगर से मंडीदीप और रूट नंबर टीआर-4 चिरायु अस्पताल से मंडीदीप, सतलापुर-सिमराई के लिए 45 बसों का परमिट लिया है। लेकिन बाकी सात मार्गों पर सिटी बसें शहर से बाहर नहीं जाएंगी। इस बारे में बीसीएलएल के पीआरओ संजय सोनी का कहना है कि नगर निगम सीमा में वापस 386 सिटी बसों का संचालन शुरू हो गया है। निगम सीमा से बाहर बसें संचालित करने को लेकर आपरेटर से चर्चा चल रही है।
सिटी बसों का विरोध कर रहे निजी बस आपरेटर
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