ग्वालियर । विधानसभा चुनाव में मिली पराजय को भूलाकर कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के नाम पर कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के लिए संसदीय क्षेत्र के प्रभारी व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सिंह यादव, सह प्रभारी विपिन वानखेड़े के साथ बुधवार को आये। कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं से संवाद किया। इसके साथ ही होटल सेंट्रल पार्क में प्रमुख नेताओं से वन-टू-वन मिले। पिछले ढाई दशक में कांग्रेस ने केवल एक बार ग्वालियर लोकसभा सीट जीती हैं और पिछले चार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पराजय मिली है। जबकि 1984 से 1999 तक यह सीट कांग्रेस के खाते में रही है। इस बार ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से जीतने वाला नाम तलाशने के लिए पार्टी में मंथन किया जा रहा है।
कार्यकर्ताओं की पसंद का होगा उम्मीदवार
ग्वालियर-चंबल अंचल की तीनों संसदीय क्षेत्रों में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश नेतृत्व के दौरे भी शुरू हो गये हैं। बुधवार को अरुण सिंह यादव के साथ विपिन वानखेड़े कार्यकर्ताओं से रायशुमारी करने के लिए ग्वालियर आए। जिले के साथ मंडल पदाधिकारियों और विधानसभा चुनाव में हारे उम्मीदवारों से बात भी की। इसके अलावा अशोक सिंह, रामसेवक बाबूजी, विधायक सतीश सिकरवार, साहब सिंह गुर्जर, सुनील शर्मा, प्रयाग सिंह गुर्जर सहित अन्य नेताओं से व्यक्तिगत चर्चा की है। कुछ नेताओं ने सेंट्रल पार्क में अरुण यादव व विपिन वानखेड़े से अलग-अलग चर्चा की। कार्यकर्ताओं का मत था कि इस बार ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से भाजपा अपने दिग्गज नेता को उतार सकती है। इसलिए कांग्रेस भी किसी नये और युवा चेहरे को चुनाव में उतारे। अरुण यादव व विपिन वानखेड़े ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की पसंद का ही उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा जायेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रदेश में हुए परिवर्तन से शीर्ष नेतृत्व ने स्पष्ट संकेत दे दिये हैं कि अब प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बात और मान सम्मान को प्राथमिकता देने के साथ चलेगी। इसलिए इस लोकसभा चुनाव में टिकिट कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद ही फाइनल किया जायेगा।
मुस्लिम समाज के लोग भी मिले
मुस्लिम समाज के नेता अख्तर हुसैन कुरैशी, लतीफ खां मल्लू के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष से मिला। मुस्लिम समाज ने अरुण यादव को अपनी पीड़ा से अवगत कराते हुए बताया कि अंचल में लगातार मुस्लिम समाज की संगठन स्तर पर उपेक्षा की जा रही है।