बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने आज सरकंडा स्थित बाल संप्रेक्षण गृह, प्लेस आफ सेफ्टी, विशेष गृह, बालिका गृह और सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने इन संस्थाओं में निवासरत बच्चों से चर्चा कर रहन-सहन, खान-पान की जानकारी ली। रसोई में बन रहे भोजन की गुणवत्ता भी परखी। उन्होंने बच्चों के अनुरोध पर डीएमएफ मद से कम्प्यूटर सेट की स्वीकृति भी दी।
कलेक्टर ने सबसे पहले बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यहां 29 बच्चे निवासरत है। कलेक्टर ने इत्मीनान से बच्चों से चर्चा की और उन्हें दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। उनके अनुरोध पर 5 कम्पयूटर सेट प्रिंटर सहित एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने उनसे चर्चा के दौरान कहा कि अपने भविष्य के लिए कुछ मकसद बनाएं और उसे पूरा करने में जुट जाएं। बच्चों ने इस दौरान देश भक्ति से ओत-प्रोत गानों पर प्रस्तुति भी दी। कलेक्टर ने कार्यक्रम के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए उनका हौसला बढ़ाया।
कलेक्टर ने यहां बच्चों के शयन कक्ष, भोजन कक्ष, भंडार कक्ष, रसोई कक्ष का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने भोजन की गुणवत्ता भी परखी। मेन्यू के अनुसार बच्चों को भोजन दिया जा रहा है अथवा नहीं इसकी भी कलेक्टर ने जांच की। अधीक्षिका श्रीमती अर्चना चौहान ने बताया कि नाश्ते में पूरी और छोले की सब्जी दी गयी और दोपहर को खाने में दाल, चावल और आलू बैगन, सलाद दिया जाएगा। इसके बाद कलेक्टर ने प्लेस ऑफ सेफ्टी और विशेष गृह का जायजा लिया। इस संस्थान में 15 बच्चे निवासरत है। यहां बच्चों ने अपने हाथों से बनाया बुके और अन्य सामग्रियां कलेक्टर को दी। कलेक्टर ने इन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को दिए। कलेक्टर ने इन किशोरों को भी 5 कम्प्यूटर सेट डीएमएफ मद से दिलाने के निर्देश दिए। इसके बाद कलेक्टर ने शासकीय बालिका संप्रेक्षण गृह का जायजा लिया। यहां 6 से 18 वर्ष की 35 बालिकाएं है। ये बालिकाएं मुंगेली, बेमेतरा, गौरेला पेंड्रा और बिलासपुर जिले की हैं। कलेक्टर ने अधीक्षिका श्रीमती ज्योति तिवारी से बच्चों को दी रही सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने बालिकाओं की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने कहा। कलेक्टर ने कहा कि बाहरी व्यक्तियों को किसी भी हाल में प्रवेश न दिया जाए। बिल्डिंग की मरम्मत के लिए तत्काल प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने बालिकाओं से चर्चा कर उन्हें प्रोत्साहित किया। 5 कम्प्यूटर सेट प्रिंटर सहित एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित महिला सहायता केन्द्र सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया। सखी केन्द्र में महिलाओं को एक ही छत के नीचे कानूनी सहायता, पुलिस सहायता, मेडिकल सुविधा के साथ अल्पकालीन आश्रय की सुविधा है। केंद्र का उद्देश्य घरेलू हिंसाओं से पीडि़त महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करना है। कलेक्टर अवनीश शरण ने सखी वन स्टॉप सेंटर में परामर्श से जुड़े दस्तावेजों के उचित संधारण के निर्देश दिए। सखी केंद्र में सभी कर्मचारी महिलाएं है, जो पीडि़त महिला को केंद्र में आवश्यक सहायता प्रदान करती है। केंद्र में विगत वर्ष कुल 160 प्रकरण आए जिनमें 149 का निराकरण किया गया। 28 महिलाओं को आश्रय प्रदान किया गया।
सखी केंद्र प्रभारी श्रीमती मीनाक्षी पाण्डेय ने बताया कि केंद्र में आने वाले अधिकतर प्रकरण घरेलू हिंसा के होते है, जिनमें परामर्श के माध्यम से सुलह का प्रयास किया जाता है। निरीक्षण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी तारकेश्वर सिन्हा व जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी उमाशंकर गुप्ता सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने बाल संप्रेक्षण गृह, बालिका गृह और सखी वन स्टॉप सेंटर का किया औचक निरीक्षण
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