झारखंड के मुख्यमंत्री की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को प्रवर्तन निदेशालय सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही थी। इस दौरान, ईडी से पूछताछ के दौरान 500 सीआरपीएफ जवान सीएम आवास में घुसने की कोशिश करने लगे। सीआरपीएफ की इसी कार्रवाई पर सत्तारूढ़ दल ने इसकी आलोचना की है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने  सीआरपीएफ जवानों की कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने कहा यह अवैध था। झामुमो महासचिव सुप्रिया भट्टाटचार्य और विनोद कुमार पांडे ने एक बयान जारी कर कहा कि पूछताछ के दौरान 2000 सुरक्षाकर्मी तैनात थे। सीएम आवास के आसपास सीआरपीसी की धारा-144 लागू किया गया था। तभी बसों में लगभग 500 सीआरपीएफ बिना अनुमति सीएम आवास में घुसने की कोशिश करने लगे। यह अवैध और उत्तेजक है। यह एक साजिश है।

झामुमो ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दे, जिससे सीआरपीएफ अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।

क्या है पूरा मामला?

रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त मामले का खुलासा करने के क्रम में ईडी ने रांची के बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को गिरफ्तार किया था। भानु प्रताप प्रसाद के आवास से भारी मात्रा में सरकारी दस्तावेज मिले थे। इसके साथ ही उसके मोबाइल से भी कई संदिग्ध दस्तावेज मिले थे। दस्तावेजों की छानबीन और उनसे जुड़े तथ्यों के सत्यापन को लेकर ईडी मुख्यमंत्री से पूछताछ कर रही है।

सीएम को सात बार समन कर चुकी ईडी

गौरतलब है कि इस मामले में पूछताछ के लिए ईडी मुख्यमंत्री को सात बार समन कर चुकी है। ईडी के आठवें समन पर मुख्यमंत्री ने ईडी को पूछताछ के लिए 20 जनवरी का समय दिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 20 जनवरी को होने वाली पूछताछ के मद्देनजर ईडी ने राज्य पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को कहा था।