नागपुर । 'राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंत काल पछताएगा जब प्राण जाएंगे छूट' यह कहावत अब सच होती दिखाई दे रही है। क्योंकि इन दिनों हर कोई राम के नाम में रमा हुआ दिखाई पड़ रहा है।आगामी 22 जनवरी को भगवान राम की नगरी अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का एक भव्य अयोजन होने जा रहा है। समूचा देश इस खास दिन का लगभग 600 वर्षों से इंतजार कर रहा था। अब जब एक बार फिर अयोध्या में रामलला के विराजमान का दिन करीब आया तो राम भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। बता दें कि 22 जनवरी को नवनिर्मित मंदिर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अयोजन होने जा रहा है। इस दिन समूचा देश दीपोत्सव कर एक दूसरी दीपावली बनाएगा। इस खास दिन के लिए खास लोगों को अयोध्या धाम के लिए आमंत्रित किया गया है तो कुछ लोग अपने प्रभु के दर्शन पाने के लिए अपने शहर अपने घर से निकल पड़े हैं। कई राम भक्त बाइक यात्रा कर अयोध्या धाम के लिए निकले हैं तो कई राम भक्त प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए पैदल ही चल पड़े।
राम के दर्शन पाने के लिए राम कर रहा 800 किलोमीटर की नंगे पैर पदयात्रा
राम भक्तो में एक ऐसा राम है, जिसने राम के दर्शन के लिए महाराष्ट्र के नागपुर से अयोध्या जाने के लिए नंगे पैर पदयात्रा शुरू की है। राम की यह पदयात्रा तकरीबन 800 किलोमीटर की है। 500 किलोमीटर की पदयात्रा कर मंगलवार को रीवा पहुंचा। इसके बाद वह 300 किलोमीटर की यात्रा कर आगामी 21 जनवरी को अयोध्या नगरी पहुंचेगा। रामभक्त राम ने कहा कि वह घर से तो जूते पहन कर ही पैदल यात्रा पर निकला था। लेकिन रास्ते पर एक छपारा गांव था, जहां पर उसने प्रसिद्ध देवी धाम बंजारी माता मंदिर के दर्शन करने गया। इसके बाद अचानक से उसका मन बदला और उसने अपने जूते उतार दिए और नंगे पैर ही अयोध्या के लिए पद यात्रा शुरू कर दी।
एक जनवरी को नागपुर से निकला था राम वर्मा, 22 को पहुंचेगा अयोध्या
रामभक्त राम वर्मा नागपुर की एक स्टील कम्पनी में मजदूरी का कार्य करता है। भगवान के प्रति राम वर्मा की गहरी आस्था है और इसी के चलते एक जनवरी के दिन वह घर से पैदल अयोध्या धाम के लिए निकला था। 16 दिन बाद नंगे पैर पद यात्रा करके वह आज रीवा पहुंचा है और आगामी 22 जनवरी को तक अयोध्या धाम पहुंचकर अपने राम लला के दर्शन प्राप्त करेगा।