चित्तौड़गढ़ । बड़ीसादड़ी थाना क्षेत्र के भैरूखेड़ा (अचलपुरा) थाना बड़ीसादड़ी निवासी डाडमचन्द पुत्र दौलतराम लौहार के 14 वर्षीय बेटे घनश्याम की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मृतक के पिता ने आरोपी को मुंह बोला बेटा बना रखा था जो मृतक की बहन से शादी कर जायदाद हड़पना चाहता था। मृतक के परिजनों व पुलिस को गुमराह कर प्रार्थी के बड़े भाई व उसके मिलने वालों के केस में झूठे नाम लिखवाये थे ताकि पुलिस व मृतक के परिजन शंका नही कर सके।
06 जनवरी को बड़ीसादड़ी थाना क्षेत्र के अचलपुरा थाना बड़ीसादड़ी निवासी डाडमचन्द पुत्र दौलतराम लौहार के 14 वर्षीय पुत्र घनश्याम दिन में करीब 12 बजे पंतग उडाने के लिए अचलपुरा स्कूल मैदान में गया था जो घर पर वापस नहीं आया जिसकी करीब 4 बजे से उसके परिजनों ने तलाश की। तलाश करते करते सरथला गांव में पहुचें जहां बच्चों ने बताया की घनश्याम को एक अज्ञात व्यक्ति मोटरसाईकील पर बैठा कर सोमपुर के रास्ते पर ले गया था। सोमपुर के रास्ते सरसों के खेत के बाहर पाली पर घनश्याम घायल अवस्था में पडा था जिसको बड़ीसादडी अस्पताल लेकर गये, जहां डॉक्टर ने बच्चें को मृत घोषित किया था। मृतक के पिता डाडम चंद लौहार की रिपोर्ट पर बड़ीसादड़ी थाना पर प्रकरण दर्ज कर जांच थानाधिकारी रायसल सिह द्वारा किया गया।
प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए थानाधिकारी रायसल सिह व पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल पर पहुंच कर एफएसएल टीम की उपस्थिति में सूक्ष्म दृष्टि से घटनास्थल का निरीक्षण किया। संदिग्ध आरोपी विष्णुदास व मृतक के परिजनो की कॉल डिटेल प्राप्त कर गहनता से विश्लेषण कर मृतक घनश्याम लौहार के गांव के निवासियों से पूछताछ की गयी। प्रकरण के संदिग्धों की तलाश कर गहनता से पूछताछ कर अनुसंधान किया गया। आरोपी सांगरिया थाना निकुम्भ निवासी कैलाश पुत्र भगवानलाल मेघवाल द्वारा बालक घनश्याम को ले जाना तथा आरोपी विष्णुदास पुत्र घनश्यामदास वैष्णव द्वारा बालक घनश्याम लौहार शाम को सुनसान जगह पर ले जाकर मृत्यु कारित करना पाया। जिस पर मुख्य आरोपी विष्णुदास वैष्णव को गिरफ्तार किया गया तथा सहयोगी आरोपी कैलाश मेघवाल को गिरफ्तार किया गया।
सांगरिया निवासी विष्णुदास पुत्र घनश्यामदास वैष्णव का मृतक के पिता व उसके परिवार से करीब एक साल पहले जान पहचान होना तथा जान पहचान के बाद प्रार्थी को मुंह बोला पिता व उसकी पत्नि गोटीबाई को मुंह बोली माता कहने लगा था। मृतक के पिता की 3 लड़कियों को मुंह बोली बहन बनाकर राखी बांधवाना व एक बहिन से प्रेम प्रसंग बनाना तथा तांत्रिक विद्या के बहाने घर आता जाता रहा एवं पूरे परिवार को तांत्रिक विद्या के बहाने गुमराह करता रहा।
5 जनवरी को आरोपी विष्णुदास द्वारा अपने दोस्त कैलाश मेघवाल को अपने ससूराल के बहाने भैरूखेड़ा मे प्रार्थी के घर पर बुलाकर घनश्याम लौहार को दिखलाया व दूसरे दिन कैलाश मेघवाल को अपना साला बताकर मोटरसाईकिल से घनश्याम को मंगवाना एवं शाम को अकेला ही विष्णुदास अपनी मोटरसाईकिल पर बैठाकर लेकर सरथला से सोमपुर आने-जाने वाले कच्चे रास्ते पर बनी खाली के पास रात को अंधेरा होने पर फसल की पाली पर सुनसान जगह पर घनश्याम लौहार की हत्या की गयी। मृतक के परिवार वालों को भ्रमित कर मुख्य आरोपी विष्णुदास वैष्णव द्वारा तांत्रिक विद्या के सहारे लाश तक पहुंचाया। बाद में मृतक के परिजनो व पुलिस को गुमराह कर मुख्य आरोपी विष्णुदास द्वारा प्रार्थी के बड़े भाई कनीराम व उसके मिलने वालों के झूठे नाम लिखवाये ताकि पुलिस व मृतक के परिजन शंका नही कर सके। डाडमचन्द लौहार के इकलौते लड़के घनश्याम को रास्ते से हटाकर उसकी लड़की के साथ शादी कर उसी के घर पर रहकर जमीन जायदाद पर कब्जा करना था।
ब्लाईन्ड मर्डर में मुंह बोला भाई ही हत्यारा निकला
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