जयपुर । भाजपा कांग्रेस दोनो देश की बड़ी पार्टियों ने अपनी चुनावी रणनीति में अमूलचूक परिवर्तनचुनाव जीतने की गरज से किया है जहां...भारतीय जनता पार्टी लगातार चुनाव केवल प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर जीत रही है जाहिर है पार्टी में इन्हीं की चलेगी प्रधानमंत्री ने भले ही 2024 के चुनाव को फतेह करने के लिए मिशन 350 पार दिया है पर हिन्दी भाषी तीनों राज्यों में सरकार बनाकर यह संकेत दिया है कि जिसकी संख्या जितनी भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी और दूसरा 50 साल वर्षीय विधायकों में से प्रदेश का मुख्यमंत्री विधानसभा अध्यक्ष और मंत्रियों को मौका दिया है इस रणनीति का लक्ष्य केवल 2024 के केन्द्र का चुनाव जीतना है भाजपा के दोनो शीर्ष नेताओं के निर्णय पर पुन विचार करने की गुजाइंश नहीं होती पिछले 9-10 साल के मोदी शासन में कांग्रेस को दो तिहाई हर चुनाव में असफलता हाथ लगती आ रही है भाजपा की इस कुटनीति का जवाब कांग्रेस इन तीनों राज्यों,मध्यप्रदेश और राजस्थान में  ओल्ड इज गोल्ड नीति को छोड़ आदि से कम और आधी उम्र वाले युवाओं को पदाधिकारी बनाकर देने जा रही है।
 एमपी में जहां कमलनाथ, दिग्गिविजय सिंह को हाशिए पर लाकर 50 वर्ष के जीतू पटवारी को अध्यक्ष बनाया है छत्तीसगढ़ में 42 साल के दीपक वैज को अध्यक्ष बनाकर जिम्मेदारी दी है ठीक इसी प्रकार राजस्थान में भी बदलाव के संकेत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इंडिया गठबंधन की पेचिदगियों के सुझाव देने वाला सदस्य बनाकर दिया है तो सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाकर दूसरे पद पर नियुक्ति करने की गुजाइंश छोड़ी है राजस्थान में अभी भाजपा का मंत्रिमंडल गठन बाकी है सो कांग्रेस भी अभी तक पुराने अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा से ही काम चला रही है विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए नए नाम जरूर लिए जा रहे है सूत्रों की माने तो नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की सुगबुगाहट में बाड़मेर से हरीश चौधरी और बांसवाड़ा से महेन्द्र जीत सिंह मालवीया, कोटा से शांति धारीवाल के नाम लिए जा रहे है पर जिस प्रकार मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ में कांग्रेस ने दोनो पदो पर कांग्रेस के लिए ऊर्जावान साबित हो रहे आदि उम्र वाले नेताओं को नामांकित किया है ठीक इसी प्रकार राजस्थान में भी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के लिए नए नाम सामने आ सकते है सुगबुगाहट तो यहां तक है कि छत्तीसगढ़ के प्रभारी बनाये गए सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष पद में से किसी एक पद की जिम्मेदारी कांग्रेस का हाईकमान सौप सकता है।