ग्वालियर । मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने के मामले में एफआइआर और पूरी कार्रवाई को निरस्त कर दिया। आरोपित के अधिवक्ता अवधेश प्रताप सिंह सिसोदिया ने सुनवाई के दौरान बताया कि शिकायतकर्ता युवती और आरोपित युवक के बीच आठ साल से संबंध थे। इसमें बहला फुसला कर दुष्कर्म करने की स्थिति नहीं बनती है। कोर्ट ने भी इस पर अपनी सहमति जताई कि आठ साल में बनाए संबंध उनकी स्वेच्छा से थे, इसे दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।
इसके बाद कोर्ट ने युवक के खिलाफ दर्ज एफआइआर को निरस्त कर दिया। 26 वर्षीय युवती ने मुरार थाने पहुंचकर शिकायत की थी कि आरोपित और उसके बीच वर्ष 2015 से जान-पहचान है। पहले दोनों के बीच बातचीत हुई, फिर दोस्ती हो गई। युवती ने बताया कि आरोपित ने उसे एक दिन यह कहकर अपने घर बुलाया कि उसे कोई जरूरी काम है। जब वह उसके घर पहुंची तो वहां कोई नहीं था। मौका पाकर आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद शादी का झांसा देकर आठ साल तक उसने संबंध बनाए। जब शादी की बात की तो पता चला कि आरोपित किसी और से शादी करने जा रहा है। इसके बाद ही युवती ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई।