नई दिल्ली । टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को 'कैश फॉर क्वेरी' शुक्रवार (8 दिसंबर) को लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ गई। संसद की एथिक्स कमेटी को संसद के पटल पर रखा गया। महुआ मोइत्रा के खिलाफ सांसदों ने वोटिंग की, जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया। महुआ मोइत्रा ने फैसले पर मीडिया से कहा कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है। टीएमसी नेता ने संसद के बाहर कहा कि मेरी उम्र अभी सिर्फ 49 साल है। अगले 30 साल तक मैं बीजेपी के खिलाफ संसद और इसके बाहर लड़ती रहूंगी। एथिक्स कमेटी पास मुझे निष्कासित करने का कोई अधिकार ही नहीं है। यह फैसला आपके अंत की शुरुआत है।
अदाणी आपके लिए जरूरी
टीएमसी नेता ने कहा कि मोदी सरकार यह सोचती है कि इस कार्रवाई से आप मुझे शांत कर देंगे। आप अडानी मुद्दे को खत्म कर सकते हैं तो यह आपकी भूल है। मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। यह दिखाता है कि अदाणी आपके लिए बहुत जरूरी है। आप एक महिला सांसद को तोड़ने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।