नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब से कुछ देर के बाद केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया की शुरुआत करेंगे। इसके लिए पीएम समेत देश और विदेश के कई बड़े उद्योगपति दिल्ली के विज्ञान भवन में मौजूद हैं। शुरुआती भाषण में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अभियान का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार का नजरिया वहां मौजूद उद्योगपतियों के समक्ष पेश किया। इस कार्यक्रम में करीब तीस देशों के उद्योगपति भाग ले रहे हैं।
मेक इन इंडिया अभियान के तहत केंद्र सरकार ने देश में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए 25 क्षेत्रों की पहचान की है। सरकार ने ऐसे प्रमुख उद्योग क्षेत्र चुने हैं जिनमें भारत आगे चलकर मैन्यूफैक्चरिंग के लिहाज से दुनिया भर में अगुआ देश बन सकता है। प्रधानमंत्री अभियान की शुरुआत करने के साथ-साथ इन क्षेत्रों पर अलग से ब्रोशर भी जारी करेंगे। जिन क्षेत्रों को चुना गया है उनमें ऑटोमोबाइल, केमिकल, आइटी, फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाइल, पोर्ट, एविएशन, लेदर, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी प्रमुख हैं।
मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने काफी तैयारी की है। निवेशकों के लिए नियमों का बोझ कम करने की कोशिश की जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित किया जा सके। उद्योग जगत से आने वाले निवेश प्रस्तावों के पूछताछ संबंधी सवालों का जवाब देने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। एक नया वेबपोर्टल मेकइनइंडियाडॉटकॉम के नाम से तैयार किया गया है। इस पोर्टल पर निवेशकों की मदद के लिए कई सवालों के जवाब उपलब्ध कराए गए हैं।
इस प्रयास के तहत सरकार विदेश के बड़े उद्योग घरानों तक पहुंचने के भी प्रयास करेगी। इनोवेशन के जरिये अपने-अपने क्षेत्रों की चुनिंदा अगुआ घरेलू कंपनियों की भी पहचान की जा रही है ताकि उन्हें वैश्रि्वक कंपनी बनाने में मदद की जा सके। इसके तहत सरकार का फोकस पर्यावरण अनुकूल उन्नत मैन्यूफैक्चरिंग तकनीक अपनाने वाली कंपनियों को वैश्रि्वक वैल्यू चेन का हिस्सा बनाने पर रहेगा। वैसे भी सरकार पिछले कुछ दिनों से लगातार उद्योगों के अनुकूल माहौल तैयार कर रही है। इसके तहत ई-बिज वेबसाइट लांच की गई है।
मोदी आज करेंगे मेक इन इंडिया का आगाज, कई दिग्गज बनेंगे गवाह
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