साहिबगंज और कटिहार के मनिहारी के बीच गंगा नदी पर बन रहे पुल का निर्माण जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है यानी अब भी इसमें करीब डेढ़ साल का समय लगेगा।

इस पुल के निर्माण के क्रम में 46 पाया बनना है, जिनमें से 40 पूरा हो चुका है। चार पाया का थोड़ा बहुत ही काम बांकी है। दोनों ओर एक-एक पाया का काम अब शुरू होगा। इसी पाया के निर्माण में विलंब की वजह से पुल निर्माण में विलंब हो रहा है।

यास चक्रवात के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था पाया

दरअसल, गंगा के दोनों किनारों का एक-एक पाया यास चक्रवात के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था। अब उन दोनों पाया का निर्माण दूसरी जगह कराना होगा। इस वजह से पुल के डिजाइन में थोड़ा बहुत बदलाव करना पड़ा। अब नए सिरे से दूसरी जगह दोनों पाया का निर्माण शुरू होगा। इस पाया के निर्माण में ही सालभर से अधिक का समय लग जाएगा।

पुल का निर्माण करा रही डीबीएल कंपनी को अक्टूबर 2024 तक पुल का निर्माण पूरा करना था। कंपनी ने दो साल का अवधि विस्तार मांगा है। हालांकि उसे अब तक अवधि विस्तार का पत्र नहीं मिला है। सात-आठ माह का अवधि विस्तार मिलने की बात अधिकारी कह रहे हैं।

दो दिन का लिया गया था मेगा ब्लॉक

महादेवगंज के समीप रेलवे लाइन पर बनाए गए पुल पर गर्डर रखने के लिए रविवार और सोमवार को मेगा ब्लॉक लिया गया था। रविवार को क्रेन की मदद से गर्डर रखने का काम किया गया। सोमवार को उसे दुरुस्त कर दिया गया।

अब मनिहारी साइड भी मनिहारी-कांटाकोस रेल लाइन पर गर्डर रखना है। इसके लिए नौ या 10 दिसंबर को मेगा ब्लॉक मिलने की संभावना है। उस दिन उधर गर्डर रखा जाएगा। इस पुल का निर्माण 1900 करोड़ की लागत से हो रहा है। जनवरी 21 में काम शुरू हुआ था। आठ किलोमीटर लंबा पुल का निर्माण कराया जा रहा है। एप्रोच पथ के साथ पुल की लंबाई करीब 22 किलोमीटर है।

पुल का निर्माण अक्टूबर 24 में पूर्ण होना था, लेकिन कोरोना के दूसरी लहर की वजह से इसमें कुछ विलंब होगा। अब जून 2025 तक पुल का काम पूरा कराने का लक्ष्य है।- शरद कुमार सिंह, परियोजना निदेशक, एनएसएआइ, साहिबगंज