झारखंड की जेलों में अपराधी-जेल प्रशासन गठजोड़ की कलई लगातार खुल रही है। रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में इस प्रकरण के बाद जेलर व जेल अधीक्षक का तबादला हो चुका है। धनबाद मंडल कारा में अपराधी की हत्या के बाद एक बार फिर इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। जेल में हथियार का पहुंचना सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न है, जिसपर सभी वरिष्ठ अधिकारियों की नजर है।
रिपोर्ट मिलने के बाद शुरू होगी कार्रवाई
गृह विभाग को भी आइजी सीआइडी के नेतृत्व वाली कमेटी के अलावा कारा महानिरीक्षक के नेतृत्व वाली कमेटी की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई संभावित है। ईडी ने पिछले दिनों रांची स्थित जेल में छापेमारी भी की थी।
पता चला था कि अपराधियों के साथ मिलकर जेल प्रशासन ने ईडी के गवाहों को धमकाने में मदद की। इसके एवज में जेल प्रशासन को मोटी रकम भी मिली। वर्तमान हालात को देखते हुए यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि राज्य की जेलों की स्थिति ठीक नहीं। यहां मिलीभगत से कई गलत काम हो रहे हैं।
कब-कब हुईं हत्याएं और हथियार की बरामदगी
22 जनवरी 1999 : रांची के जेल चौक स्थित पुरानी जेल में कुख्यात अपराधी अनिल शर्मा ने अपने सहयोगी बबलू श्रीवास्तव, निरंजन कुमार सिंह, सुशील श्रीवास्तव व मधु के साथ मिलकर भोमा सिंह की गर्दन काटकर हत्या कर दी थी।
31 दिसंबर 2010 : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद कैदी बलराम साहू उर्फ डेविड के पास से एक पिस्टल बरामद हुआ था। तब भी सवाल उठा था कि डेविड तक हथियार कैसे पहुंचे।
पांच जून 2011 : रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में जहरीला कोल्डड्रिंक पहुंचा, जिसे पीने से तीन कैदी मनोज सिंह, मनोज कुमार व बच्चा यादव की मौत हो गई थी। तब यह बात सामने आई थी कि एक अपराधी ने साजिश के तहत जेल में जहरीला कोल्डड्रिंक मंगवाया था और खुद नहीं पीकर अपने साथियों को पिलाकर मार दिया।
29 सितंबर 2012 : होटवार जेल में एक कैदी फिरोज अंसारी पर जानलेवा हमला हुआ था।
25 जून 2019 : जमशेदपुर के घाघीडीह स्थित केंद्रीय कारा में एक सजायाफ्ता कैदी मनोज सिंह की गैंगवार में दूसरे गुट के कैदियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
तीन दिसंबर 2023 : धनबाद मंडल कारा में गैंगस्टर अमन सिंह को गोलियों से भूनकर मारा।
जेल प्रशासन की संलिप्तता के बिना जेल के भीतर हथियार या कोई आपत्तिजनक वस्तु जेल के भीतर नहीं पहुंच सकती है। इसी बिंदु पर जेल निरीक्षणालय की तीन सदस्यीय टीम जांच कर रही है। जांच में जेल से संबंधित जो भी कर्मी-पदाधिकारी दोषी मिलेंगे उनके विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज होगी और अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी। उमाशंकर सिंह, कारा महानिरीक्षक, झारखंड।