भोपाल । विधानसभा चुनाव हो चुका है। तीन दिसंबर को परिणाम आएंगे। भाजपा और कांग्रेस, अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। भाजपा को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना तो कांग्रेस को अपनी गारंटियों पर विश्वास है। भाजपा के नेता एग्जिट पोल के हवाले से दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में फिर सरकार उनकी ही बनेगी। लाड़ली बहना ने बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लिया है। इस बार महिलाओं ने मतदान 76.03 प्रतिशत रहा, जो पिछले चुनाव की तुलना में दो प्रतिशत अधिक है। उधर, कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि जनता ने बदलाव और पार्टी की गारंटियों पर विश्वास जताते हुए मतदान किया है। इन दावों के बीच दोनों दल तीन दिसंबर को जिला मुख्यालयों पर होने वाली मतगणना की तैयारी में जुटे हैं। कांग्रेस ने उम्मीदवारों और अभिकर्ताओं को मतगणना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 17 नवंबर को मतदान करके निकलने वाले लोगों के बीच सर्वे एजेंसियों द्वारा जारी विभिन्न एक्जिट पोल में कुछ भाजपा को बढ़त दे रहे हैं तो कुछ ने कांग्रेस का आगे रखा है। इन पोल से सहमति-असहमति के बीच भाजपा और कांग्रेस नेता अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को फिर दाेहराया कि लाड़ली लक्ष्मी से लेकर लाड़ली बहना तक महिला सशक्तीकरण का लंबा सफर है, जिसने बहनों के हृदय में भाजपा के लिए अलग स्थान बनाया है। प्रदेश में भाजपा की स्पष्ट बहुमत से सरकार बनने जा रही है। उधर, कांग्रेस नेता जीतू पटवारी का कहना है कि यह चुनाव जनता ने लड़ा है। बदलाव और पार्टी की गारंटियों पर विश्वास जताते हुए मतदान किया है। कार्यकर्ता मतगणना को लेकर सतर्क रहें क्योंकि एक्जिट पोल गुमराह करके अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले हैं।
मतगणना को लेकर कांग्रेस ने जारी किए दिशा-निर्देश
प्रदेश कांग्रेस ने मतगणना को लेकर सभी उम्मीदवारों और उनके अभिकर्ताओं को दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें स्ट्रांग रूम से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) निकालने के समय सील की जांच करें।
डाक मत पत्रों की गिनती के समय एक-एक मत पत्र काे गंभीरता से लें। यदि कोई मत पत्र निरस्त किया जाता है तो उसको लेकर पूछताछ करें और शंका होने पर लिखित में आपत्ति करें। प्रत्येक चक्र की गणना के बाद जो परिणाम घोषित होगा, उसके सत्यापित प्रतिलिपि अवश्य लें। मतगणना पूरी होने तक टेबल न छोड़ें। उधर, भाजपा ने भी अभिकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर मतगणना से जुड़ी एक-एक प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे दी है। जिला और प्रदेश स्तर पर वरिष्ठ पदाधिकारियों की टीम भी तैनात की गई है ताकि कोई भी दुविधा हो ताे मार्गदर्शन ले सकें।