
नई दिल्ली । नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सरल जीएसटी फार्म पेश करने के लिए एक निश्चित समयसीमा तय करने को कहा है। कैग ने कहा कि सरलीकृत फॉर्म को पेश करने में विलंब से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की प्रणाली को स्थिर करने में दिक्कत आ रही है। कैग की संसद में पेश ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी को लागू हुए तीन साल से अधिक हो गए हैं, लेकिन इस पर अब भी कार्य प्रगति पर ही है। कैग ने कहा कि जीएसटी को लागू करने का मुख्य मकसद सरल और सुगम कर अनुपालन प्रणाली सुनिश्चित करना था। स्थिर और सरल रिटर्न तंत्र नहीं होने की वजह से यह मुख्य उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा ऑडिट के दौरान हमने पाया कि सरलीकृत रिटर्न फॉर्म को लाने में देरी तथा निर्णय प्रक्रिया में विलंब से चालान के मिलान के जरिए प्रणाली द्वारा सत्यापित आईटीसी का प्रवाह अभी तक लागू नहीं हो पाया है। कैग ने सरल रिटर्न फॉर्म के लिए एक निश्चित समयसीमा तय करने का सुझाव दिया है। कैग ने कहा कि इसमें देरी से रिटर्न दाखिल करने की प्रणाली स्थिर नहीं हो पा रही है और जीएसटी परिवेश में अनिश्चितता बनी हुई है।