भोपाल । मतदान समाप्त होने के बाद प्रत्याशियों का समाजजनों से लेकर जनप्रतिनिधियों से मुलाकात का सिलसिला जारी है। कुछ प्रत्याशी तीर्थयात्रा पर भी निकल गए है। प्रचार की थकान मिटने के बाद नेताओं की आपसी मुलाकातें होना आम बात है, पर इन दिनों इंदौर के राजनीतिक गलियारों में एक मुलाकात की खास चर्चा हो रही है। चार नंबर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार मालिनी गौड़ ने अपने पुत्र एकलव्य गौड़ के साथ पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास पर मुलाकात की थी। अचानक हुई इस मुलाकात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। गौड़ परिवार भले ही इसे सामान्य शिष्टाचार मुलाकात बता रहा है, पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीएम ने गौड़ परिवार को मतदान वाले दिन हुए विवाद पर सफाई देने के लिए बुलाया था।
अभी से होने लगी बागियों की मान-मनौव्वल
प्रदेश में जैसे-जैसे मतगणना की तारीख नजदीक आती जा रही है, भाजपा और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी भी जीत-हार का गणित लगा रहा है। इस बार प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए अभी से दोनों पार्टियों ने जमावट करनी शुरू कर दी है। कांग्रेस-भाजपा की नजर ऐसे प्रत्याशियों पर है, जिन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ा था और जिनकी जीतने की संभावना प्रबल बताई जा रही है। इस बार भाजपा और कांग्रेस से बगावत कर बसपा, निर्दलीय या अन्य दलों से करीब एक दर्जन से ज्यादा ऐसे प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से कई मजबूत मजबूत स्थिति में है, भाजपा-कांग्रेस के रणनीतिकारों ने अभी से इन नेताओं से संपर्क बनाना शुरू कर दिया है। वे उन्हें मंत्री पद से लेकर निगम-मंडलों में एडजस्ट करने तक के प्रलोभन दे रहे हैं।
क्या गुल खिलाएगी टिकट से वंचित विधायकों की मुलाकातें?
विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। मतदान खत्म होते ही वे नेता सक्रिय हो गए है, जो इस चुनाव में टिकट से वंचित रह गए थे। विधानसभा चुनाव में बेटिकट हुए नेताओं ने एक-दूसरे से सामूहिक मुलाकातें शुरू कर दी है। मिशन का नेतृत्व खंडवा के विधायक देवेंद्र वर्मा कर रहे हैं। वर्मा ने पहले नेपानगर विधायक सुमित्रा कास्डेकर से उनके घर पहुंचकर मुलाकात की। इसके बाद बड़वाह जाकर पूर्व विधायक हितेंद्रसिंह सोलंकी से मुलाकात की। नेपानगर में कास्डेकर की जगह इस बार मंजू दादू को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। बड़वाह में भी कांग्रेस छोड़कर आए सचिन बिरला को मैदान में उतारा गया है। चर्चा है कि वर्मा ने लोकसभा टिकट के लिए अभी से टीम बनाना शुरू कर दी है। जल्द ही ऐसी मुलाकातें मालवा के नेताओं के साथ भी होने जा रही है। इन मुलाकातों में उन्हें भाजपा से नाराज चल रहे नेताओं का भी साथ मिल रहा है।