
नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय की नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ धनशोधन की कार्यवाही को कांग्रेस ने ‘‘प्रतिशोध का तुच्छ हथकंडा बताते हुए ईडी पर भाजपा का ‘‘गठबंधन साझेदार का आरोप लगाया।कांग्रेस ने कहा कि यह कार्रवाई पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तय हार से ध्यान भटकाने का प्रयास है। संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया कि इस मामले में अंशधारक और कांग्रेस को चंदा देने वालों से एजेएल और पार्टी ने ठगी की।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा था कि इसने कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रवर्तित नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ धन शोधन की अपनी जांच के तहत करीब 752 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्ति और ‘इक्विटी हिस्सेदारी (शेयर) जब्त की है।
कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक बयान में कहा कि ईडी द्वारा एजेएल की संपत्तियां कुर्क किये जाने की खबरें पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में भाजपा की निश्चित हार से ध्यान हटाने के लिए उनकी हताशा को दिखाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएमएलए के तहत कार्रवाई केवल किसी मुख्य अपराध के परिणामस्वरूप हो सकती है। इस मामले में किसी भी अचल संपत्ति का कोई हस्तांतरण या उससे जुड़े पैसों का लेनदेन नहीं है।वास्तव में, ऐसा कोई शिकायतकर्ता नहीं है जिसने यह दावा किया हो कि उसे धोखा दिया गया है। उन्होंने दावा किया, कि भाजपा का कोई भी गठबंधन सहयोगी-सीबीआई, ईडी या आयकर विभाग भाजपा की निश्चित आसन्न हार को नहीं रोक सकता। सिंघवी ने कहा कि प्रतिशोध की ये तुच्छ तरकीबें कांग्रेस या विपक्ष को लड़ने से नहीं रोक सकती।
गौरतलब है कि ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने का आदेश धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया था। नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन कंपनी के ज्यादातर शेयर हैं। दोनों में से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं। बयान में ईडी ने कहा कि इसने पीएमएल के तहत जांच किये जा रहे धन शोधन के मामले में 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क करने का एक आदेश जारी किया था।
कानून के तहत, इस तरह के अंतरिम या अस्थायी आदेश को छह महीने की समयावधि में पीएमएलए के निर्णयन प्राधिकार द्वारा मंजूरी दी जानी चाहिए, जिसके बाद ईडी कुर्क संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकती है। बयान में कहा गया है, ‘‘जांच में खुलासा हुआ है कि एजेएल के पास अपराध से हुई आय अचल संपत्तियों के रूप में है, जो दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे कई शहरों में है। इनका मूल्य 661.69 करोड़ रुपये है। वहीं, यंग इंडियन के पास अपराध से प्राप्त आय 90.21 करोड़ रुपये एजेएल के ‘इक्विटी शेयर के रूप में है। नेशनल हेराल्ड की अचल संपत्तियों में दिल्ली के आईटीओ स्थित कार्यालय परिसर और लखनऊ में कैसरबाग के पास एक परिसर है। एजेंसी ने मामले के सिलसिले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता पवन बंसल, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और उनके सांसद भाई डी के सुरेश से पिछले साल पूछताछ में बयान दर्ज किये थे। सूत्रों के मुताबिक, मामले में ईडी के आरोपपत्र दाखिल करने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए फिर से बुलाया जा सकता है। धन शोधन का यह मामला दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के एक आदेश से उपजा है, जिसमें नेशनल हेराल्ड के क्रियाकलाप में कथित अनियमितताओं के खिलाफ एक निजी शिकायत का 26 जून 2014 को संज्ञान लिया गया था।