
रुपए लेकर प्लाट नहीं दिए तो जेल भेजा, हाई कोर्ट के आदेश पर बाहर लाए और हथकड़ी लगे हाथों से 17 पीड़ितों के नाम करवाई रजिस्ट्री
कैलाश मंडपे को एसआईटी द्वारा जिला पंजीयन कार्यालय लाया गया
फिनिक्स इंफ्रा कंपनी ने इंदौर में डवलपर्स की मार्केटिंग की थी
कंपनी ने रुपए जमा कराने के बाद नहीं दिए थे प्लाट
अक्सर पुलिस किसी मुलजिम को हाथों में हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश करती है लेकिन सोमवार को इंदौर के मोती तबेला के रजिस्ट्रार ऑफिस में SIT एक आरोपी को हथकड़ी लगाकर लाई। आरोपी के हथकड़ी लगे हाथों से ही साइन कराकर 17 पीड़ितों के जमीन की रजिस्ट्री कराई। आरोपी नागपुर की फिनिक्स इंफ्रा कंपनी का डायरेक्टर है। कंपनी ने माकेर्टिंग के जरिए शहर में डवलपर्स के प्लाट बेचे थे। रुपए लेने के बाद लोगों को प्लाट नहीं दिए थे। इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर को जेल भेज दिया गया था। हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 6 दिन पहले पीड़ितों को भूखंड दिलाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश में कहा था कि आरोपी को जेल से बाहर निकाल कर रजिस्ट्री कराई जाए।
रजिस्ट्रार ऑफिस में फिनिक्स इंफ्रा कंपनी के डायरेक्टर कैलाश मंडपे ने रजिस्ट्री के दौरान
मामला बेटमा के काली बिल्लोद में विकसित विद्या विहार, नेचरल वैली और साईं बाग टाउनशिप का है। डीएस इंफ्रा, एआर टाउन डवलपर्स कंपनी और भाईजी डवलपर्स ने 2010 में इन टाउनशिप में प्लाट के नाम पर लोगों से पैसा जमा कराया था। पूरा पैसा देने के बावजूद प्लाट खरीदने वाले रजिस्ट्री के लिए भटक रहे थे। टाउनशिप की मार्केटिंग नागपुर की फिनिक्स इंफ्रा कंपनी ने की थी। लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई डूबता देख 2016 में पुलिस से शिकायत की थी। कंपनियों के डायरेक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई। 2019 जनवरी में कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच के लिए SIT गठित कर दी गई थी।
मामले की जांच के बाद फिनिक्स इंफ्रा के डायरेक्टर कैलाश मंडपे को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद कैलाश को जेल भेज दिया गया। हाई कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को देपालपुर जेल में बंद कैलाश मंडपे को SIT जेल से निकाल कर मोती तबेला स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस ले आई। यहां पर 17 पीडि़तों की रजिस्ट्री करवाई गई।