
सरपंच की मौत: पुलिस पर लगा पिटाई करने का आरोप
आयोग ने डीजीपी, आईजी रीवा तथा एसपी सतना से मांगी रिपोर्ट
सतना जिले में ककलपुर सरपंच राममिलन कोल की रीवा मेडिकल काॅलेज अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी तबियत बिगड़़ी और उसकी मौत हुई है। इधर पुलिस ने आरोप नकार दिये हैं। एसपी ने मामले की जांच की बात कही है। बताया जाता है कि शिवेन्द्र द्विवेदी नाम का ग्रामीण जेल में बंद था। जिसकी पेरोल की अनुशंसा का कागज़ पुलिस थाने पहुंचा था। शिवंेद्र के भाई वीरेन्द्र द्विवेदी के अनुसार पहले यह शिवेन्द्र से मिलने जेल गया था। फिर वह सरपंच राममिलन कोल व अखिलेश साकेत को लेकर थाने पहुंचा। इससे पुलिसकर्मी झल्ला गये और उन्हें लाॅक-अप में बंद कर कपड़े उतरवाकर जमकर पीटा। वहां से जेल भेज दिया गया। जेल से लौटने पर सरपंच की तबीयत खराब हो गई। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि 27 फरवरी को गिरफ्तार कर उसी दिन कोर्ट में पेश कर दिया गया था। एक मार्च को तीनों जेल से छूटे और 16 मार्च की रात उनकी मौत हुई है। इस बीच पुलिस पर मारपीट जैसा कोई आरोप नहीं लगा और न ही शिकायत की गई। फिर भी जांच कराई जा रही है। इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश, पुलिस महानिरीक्षक रीवा पुलिस रेंज तथा पुलिस अधीक्षक सतना से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।