बालाघाट । हॉकी मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित चयन प्रक्रिया के उपरान्त म.प्र. के सचिव लोक बहादुर तथा चयन समिति द्वारा १७ मार्च से सब जुनियर मेन्स हॉकी चेम्पियनशिप जो कि जिन्द हरियाणा में सम्पन्न होनी है के लिए १८ सदस्यीय टीम की घोषणा की है जिसके कोच राकेश गढ़वाल तथा मैनेजर प्रवीण यादव थे। इस टीम में बालाघाट के दो खिलाड़ी योगेश कुशराम तथा सौरभ सहारे का ही चयन हुआ जो अपना पहला मैच युपी के विरूद्ध खेलने रवाना हुए। मध्य प्रदेश के सचिव पदाधीकारी एवं चयन समिति द्वारा समस्त दस्तावेज को अच्छी तरह से जांचा होगा। मध्य प्रदेश की टीम जब अपना मैच खेलने मैदान पर उतरी तो उत्तरप्रदेश के खिलाड़ीयों एवं मैनेजर ने आपत्ति उठाई की मध्यप्रदेश टीम में ५ खिलाड़ी जो खेल रहे है वे हमारे उत्तरप्रदेश के है उनका खेलना इस प्रतियोगिता के नियम के विरूद्ध है। तब कमेटी ने जांच की तो सही पाया गया और मध्यप्रदेश की टीम को सस्पेंड कर दिया गया। जिससे मध्यप्रदेश की पुरी टीम को खेलने से वंछित कर दिया गया। मध्यप्रदेश के खिलाडिय़ों का भविष्य खराब हो गया। सभी खिलाडिय़ों की इसमें क्या गलती थी। जो सस्पेंड केया गया। खिलाडिय़ों के बजाये सचिव लोक बहादुर, सभी पदाधिकारी एवं चयन समिति को हि सस्पेंड किया जाना चाहिए क्योंकि टीम भेजने की समस्त जवाबदारी कमेटी की होती है। सवाल यहां यह उठता है कि क्या मध्यप्रदेश में हॉकी खिलाडिय़ों कि कमी वास्तव में है। क्या जो दूसरे राज्यो के खिलाड़ीयों को मध्श्प्रदेश के नाम से भेजकर प्रदेश का नाम खराब कर रहे है जो बहूत हि शर्मनाक बात है। इतनी बड़ी चूंक धोखे से नही जानबूझ कर की गई है चयन समिति में भाई-भतीजावाद और पैसे का भी खेल खेला गया है वर्ना बाहरी खिलाड़ीयों को कौन लेकर जाता। बाहरी खिलाडिय़ों की जानकारी मध्यप्रदेश के सभी पदाधिकारीयों को रही है और सभी ने पैसों का बटवारा मिलकर किया है और प्रदेश के खिलाडिय़ों का भविष्य खराब किया है। प्रदेश सरकार जहां एक ओर खिलाडिय़ों को नौकरी देना, सिंथेटिक एस्ट्रोटर्फ लगाकर खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ा रही है वहीं दूसरी तरफ पदाधिकारी अपना उल्लू सिधा करने में लगे हुए है। सभी सिनियर खिलाडिय़ों ने खिलाडिय़ों एवं प्रदेश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों की उच्च स्तरीय जांच पुलिस शिकायत करने की बात की है। प्रदेश में हॉकी के गिरते हुए स्तर को उठाने का जिम्मा सिनियर खिलाडिय़ों ने लिया है। सिनियर खिलाडिय़ों में अशपाक, मयंक, राहूल, सुधीर, केवल, राजेश ने दूसरे प्रदेश के खिलाडिय़ों को गलत ढ़ंग से खिलाने की घोर निंदा की है। और कहा है कि इसका असर जिले के ख्लिाडिय़ों को भी पड़ेगा। अभी प्रदेश से टर्फ मिलने की जहां खुशियां मनाई गई वहीें जिले की दोनों खिलाडिय़ों को खेलने का मौका ना मिलने पर जिले के पदाधिकारियों द्वारा जांच करने हेतु उच्च अधिकारियों को लिया जाना चाहिए। तथा प्रदेश की समिति एवं सचिव लोक बहादूर को तत्काल भंग करने आवश्यक कदम भी उठाना चाहिए जिससे जिले के सभी खिलाडिय़ों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
मध्य प्रदेश के हॉकी खिलाडिय़ों के भविष्य के साथ अन्याय
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