ग्वालियर. भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के जय विलास पैलेस (Jai Vilas Palace) में सेंधमारी का मामला सामने आया है. जबकि सबसे सुरक्षित माने जाने वाले जय विलास पैलेस में हुई इस घटना से पुलिस प्रशासन (Police Administration) में हड़कंप मच गया है. वहीं, सेंधमारी के बाद पुलिस स्निफर डॉक के जरिए चोरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
सिंधिया राजवंश के जय विलास पैलेस परिसर में सेंधमारी को लेकर ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक रत्नेश तोमर ने कहा, ' बुधवार सुबह रानीमहल से बताया गया कि छत के रास्ते से होकर चोर महल के एक कमरे में घुसे. सूचना मिलते ही तुरंत पुलिस अधिकारी और पुलिस फोर्स के साथ श्वान दल और फोरेंसिंक टीम को मौके पर भेजा गया.
फोरेंसिक टीम ने जुटाए सबूत
बहरहाल, पुलिस और फोरेंसिक टीम ने भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के जय विलास पैलेस पहुंच कर सेंधमारी वाले हिस्से के फिंगरप्रिंट और जरूरी साक्ष्य जब्त कर लिए हैं. जबकि महल से एक पंखा और कंप्यूटर सीपीयू चोरी होने की बात सामने आयी है.
जानें क्यों खास है जय विलास पैलेस
बता दें कि जय विलास पैलेस न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी काफी चर्चित है. यही वजह है कि इसका दीदार करने के लिए लोग देश विदेश से आते हैं. इस पैलेस को श्रीमंत जयाजी राव सिंधिया ने साल 1874 में बनवाया था और यह करीब 40 एकड़ में फैला हुआ है. जबकि इसकी कीमत करीब 4 हजार करोड़ है. वहीं, 1964 में जीवाजी राव सिंधिया म्यूजियम वाले हिस्से को लोगों के लिए खोल दिया गया था, तब से यहां काफी संख्या में दर्शक आते हैं. यही नहीं, 400 कमरे वाले इस पैलेस को सैकड़ों की संख्या में विदेशी कारीगरों ने बनाया था. जबकि इसकी दीवारों पर सोने और चांदी की कारीगरी की गई है. इसके अलावा जय विलास पैलेस में 3500 किलों के दो झूमर लगे हैं, जोकि देखते ही बनते हैं.