जालंधर । अदालत ने करीब पांच साल पहले हेरोइन तस्करी में पकड़ी गई तंजानिया की महिला नागरिक चिक्कू और बीटराइस सस्टेनेस को दस-दस साल की कैद और एक-एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर एक साल की और कैद काटनी होगी। दोनों को पुलिस ने 1 किलो 100 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा था।
बात दें कि 13 दिसंबर 2015 को मोतीपुर गेट के पास काला संघिया रोड पर नाका लगाया हुआ था। दो युवतियां कंधे पर काले रंग के किट बैग लेकर जा रही थीं। पुलिस को देख दोनों बैग फेंककर भागने लगीं। दोनों युवतियों ने बताया कि वे तंजानिया की रहने वाली हैं और इन दिनों विजिटर वीजा पर दिल्ली में रह रही हैं।
जब इन के बैग की तलाशी ली गई, तब 1 किलो 100 ग्राम हेरोइन मिली थी। पूछताछ में बात सामने आई थी कि बरामद की गई हेरोइन की डिलीवरी देने कपूरथला के गांव लाटियांवाल में देनी थी। चिक्कू ने कहा था कि वह दो साल पहले तंजानिया से भारत 6 महीने के विजिटर वीजा पर फ्रेंड जैक ट्रिम के पास आई थी। जैक ट्रिम तंजानिया वापस चली गई, मगर वह वीजा खत्म होने के बाद भी अवैध रूप से रहने लगी। वीटराइस ने बताया कि मार्च 2017 में वह विजिटर वीजा पर आई थी। वह नई दिल्ली के विकासपुरी में चिक्कू के साथ रहने लगी। दोनों हेयर ड्रेसिंग की शॉप पर काम करने लगीं। दोनों की मुलाकात अफ्रीकी मूल के नशा तस्कर ईबो से हुई। जिसके बाद दोनों बड़े स्तर पर दिल्ली से दोआबा में डिलवरी देने आती थी।
तंजानिया की दो महिलाओं को हेरोइन तस्करी के मामले में हुई 10 साल की कैद…
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