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अहमदाबाद | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 अक्टूबर 2023 को उत्तरी गुजरात के खेरालु में रु. 5000 करोड़ से अधिक लागत वाली ढांचागत रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे| इन परियोजनाओं में विरमगाम-सामाख्याली रेल लाइन का 182 किलोमीटर लंबा दोहरीकरण, कटोसन रोड-बेचराजी रेल लाइन का 29.65 किलोमीटर लंबा गेज परिवर्तन और साथ ही वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 77 किलोमीटर लंबा न्यू भांडू से न्यू साणंद उत्तरी खंड शामिल है|
विरमगाम-सामाख्याली रेल लाइन (182 किमी) के दोहरीकरण का लोकार्पण
विरमगाम-सामाख्याली रेल लाइन (182 किमी) 1492 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण हो गई है| इस अतिरिक्त लाइन का उद्देश्य मौजूदा सिंगल लाइन खंड को डिकंजेस्ट करना और इस खंड पर अधिक ट्रेनें चलाने में मदद करना है| नई लाइन से ट्रैक क्षमता भी बढ़ेगी और ट्रेनों की समयपालनता में भी सुधार होगा| इसके अलावा यह परियोजना मालगाडियों की आवाजाही को सुचारू बनोगी और इस महत्वपूर्ण खंड पर माल ढुलाई क्षमता बढ़ाएगी, जिससे गुजरात में बंदरगाहों के साथ बेहतर रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी| इससे कच्छ के रण आदि स्थानों के लिए पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा| साथ ही गुजरात के सुरेन्द्रनगर, मोरबी और कच्छ जिलो के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी| विद्युतीकरण खंड स्वच्छ, हरित और पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा|
कटोसन रोड-बेचराजी रेल लाइन (29.65 किमी) के गेज परिवर्तन का लोकार्पण
कटोसन रोड-बेचराजी रेल लाइन परियोजना का गेज परिवर्तन राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति और मल्टीमोडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप शुरू किया गया है और 450 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया गया है| यह लाइन आसपास के ऑटोमोबाइल उद्योग को लंबी दूरी तक बड़ी मात्रा में परिवहन करने में सहायता करेगी| इससे लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी और राज्य के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक रैंकिंगमें सुधार होगा| यह परियोजना मंडल बेचराजी विशेष निवेश क्षेत्र (एमबीएसआईआर) को लगभग 70000 करोड़ का निवेश लाने में सुविधा प्रदान करेगी और गुजरात राज्य में रोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे|
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (77 किमी) के न्यू भांडू से न्यू साणंद (उत्तर) खंड और 24 किमी कनेक्टिंग लाइनों का लोकार्पण
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का न्यू भांडू से न्यू साणंद (एन) खंड 77 किमी लंबी विद्युतीकरण डबल लाइन के साथ साथ 24 किमी लंबी कनेक्टिंग लाइनों के साथ डब्ल्यूडीएफसी का एक महत्वपूर्ण खंड है| इस खंड की कुल परियोजना लागत लगभग 3184 करोड़ रुपए है| यहां दो डीएफसी स्टेशन अर्थात न्यू घुमासन क्रॉसिंगस्टेशन और न्यू साणंद (एन) जंक्शन स्टेशन हैं| यहां 19 बडे पुल, 105 छोटे पुल और 5 रेल फ्लाईओवर हैं| इसके अलावा 6 आरओबी, 81 आरयूबी के माध्यम से सड़क लेवल क्रॉसिंग को हटाने से सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ी है और डीएफसी एलाइनमेंट पर शीघ्र माल ढुलाई की सुविधा मिली है| यह रेल कॉरिडोर अहमदाबाद, गांधीनगर और मेहसाना जिलों से होकर गुजरता है| यह आयात-निर्यात यातायात की तेज आवाजाही और ट्रांजिट समय को कम करने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के माध्यम से पूर्वी और उत्तरी भारत के साथ गुजरात के पिपावाव, पोरबंदर, जामनगर जैसे प्रमुख बंदरगाहों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाएगा| यह खंड तेज आवाजाही के कारण विरमगाम, जखवाडा, देत्रोज, लिंच के फ्रेट टर्मिनलों और जामनगर क्षेत्र (सिक्का, रिलायंस और एस्सार टर्मिनल, मीठापुर) में माल लदान केन्द्रों और साणंद में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक पार्क (एमएमएलपी) से कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा प्रदान करेगा| यह आणंद में डेयरी उद्योग, जामनग में तेल रिफाइनरी और दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के साथ शीघ्र कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा| इसका उद्देश्य अधिक पैसेंजर और मालगाडियों की क्षमता निर्माण के साथ गुजरात रेल नेटवर्क को डिकंजेस्ट करना है|