मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की चार लिस्ट लगातार जारी होने के बाद जैसे तैसे नवदुर्गा के पहले दिन सुबह-सुबह कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशियों की सूची जारी हुई, लेकिन 3 घंटे के अंतराल में ही ग्वालियर चंबल संभाग में सबसे बड़ी बगावत की स्थिति सामने आ गई । कांग्रेस पार्टी पिछले 4 वर्षों से अधिक समय से पूर्व की तरह इस उम्मीद में थी कि ग्वालियर चंबल संभाग में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में सबसे अच्छा रहेगा, वहीं दूसरी ओर पहली सूची आने के बाद ही प्रदर्शन तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के दमदार उम्मीदवारों के द्वारा जिस तरह बगावत एवं आरोप प्रत्यारोप का दौर प्रारंभ हुआ है उसके चलते स्पष्ट हो गया है कि ग्वालियर चंबल संभाग में कांग्रेस पार्टी के लिए भाजपा से मुकाबला करना आसान नहीं होगा ।
सैकड़ो समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ी , गद्दारी एवं तानाशाही का लगाया आरोप ।
आज दोपहर को कांग्रेस पार्टी के ग्रामीण क्षेत्र से ग्वालियर से रहे मजबूत उम्मीदवार केदार सिंह कंसाना ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए सैकड़ो की संख्या में समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी मुर्दाबाद के नारे लगाए और कांग्रेस को गद्दार कहते हुए स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी में तानाशाही से लेकर दूसरी पार्टियों से आने वाले उम्मीदवारों को अधिक से अधिक उम्मीदवार बनाया गया है ।
कंसाना यही नहीं रुके, उन्होने आगे कहा कि मैं प्रदेश की 230 विधानसभा में ऐसा व्यक्ति हूं, जिसने घूम घूमकर 25 हजार से ज्यादा लोगों को कांग्रेस से जोड़ा है, तन, धन और मन से पार्टी के लिए लगा था, लेकिन पार्टी ने ये सिला दिया है। टीम केदार सदस्यता वाले 25375 लोग भी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ खड़े हो चुके है। पंच वर्षीय योजना जैसे नजर आने वाले लोगों को पार्टी ने टिकट दिया है। बता दें केदार कंसाना ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से कांग्रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट ना देकर साहब सिंह गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है, साहब सिंह गुर्जर साल 2018 में बीएसपी से चुनाव लड़े थे।
कई सामाजिक कार्यक्रमों में पांच वर्षों से सबसे आगे नजर आए कंसाना ।
कांग्रेस पार्टी से बगावत करने वाले केदार सिंह कंसाना की इमेज ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र में पिछले 5 वर्षों के अंतराल में सामाजिक क्षेत्र में विशेष रूप से रही है । उन्होंने कई ऐसे सामाजिक कार्यक्रम कराए जिसके अंतर्गत महिला सम्मान योजना से लेकर बहनों से राखी बनवाने तक की योजना को मध्य प्रदेश सहित राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया में महत्वपूर्ण स्थान मिला है । अपनी सामाजिक एवं साफ स्वच्छ छवि के कारण केदार सिंह कंसाना को पूरा विश्वास था कि कांग्रेस पार्टी से उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा परंतु कांग्रेस पार्टी की ओर से आज सुबह जो उम्मीदवार घोषित किया गया, उसने कांग्रेस पार्टी में कुछ साल पहले ही प्रवेश किया है एवं पूर्व में बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ चुका है । कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश से जुड़े हुए पदाधिकारी बताते हैं कि केदार सिंह कंसाना का टिकट काटना कांग्रेस पार्टी के लिए कतई हित में नहीं है । कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी के अंदर बगावत का सिलसिला आज सुबह ही प्रारंभ हो गया था। सबसे पहले कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया, उसके बाद दोपहर होते-होते केदार सिंह कंसाना ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया ।