नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी बंगाल की खाड़ी स्थित कृष्णा गोदावरी बेसिन स्थित ब्लॉक से 2019 तक ही तेल उत्पादन शुरू कर पायेगी। क्षेत्र से अधिकतम उत्पादन 45 लाख टन सालाना होगा। पिछले अनुमान के मुकाबले यह 20 प्रतिशत अधिक है।
कृष्णा गोदावरी बेसिन क्षेत्र केजी-डीडब्ल्यूएन-98-2 या केजी-डी5 से होने वाला यह तेल उत्पादन देश के पूर्वी तट से होने वाला सबसे अधिक उत्पादन होगा। इस क्षेत्र में 10 गैस खोज हुई है। तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दिनेश के सर्राफ ने कल शाम यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम केजी-डी5 के विकास पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र से पहला गैस उत्पादन 2018 से और पहला कच्चा तेल उत्पादन 2019 में शुरू हो जायेगा।’
ओएनजीसी के करीब 2.5 करोड़ टन कच्चे तेल के उत्पादन में मुख्य तौर पर गुजरात और असम जैसे राज्यों के अलावा पश्चिमी तट से आता है जबकि केजी-डी5 से 90,000 बैरल प्रति दिन (45 लाख टन सालाना) का उत्पादन होगा जो पूर्वी तट में अब तक के किसी भी उत्पादन के मुकाबले अधिक होगा।
उन्होंने कहा, ‘संकीर्ण आधार पर लगाये गये आकलन के अनुसार क्षेत्र से 75,000 बैरल प्रति दिन उत्पादन होगा।’ कंपनी के एक अन्य अधिकारी ने क्षेत्र से अधिकतम 90,000 बैरल प्रति दिन तेल उत्पादन का अनुमान जाहिर किया। ओएनजीसी इस क्षेत्र से 1.7 करोड़ स्टैंडर्ड घन मीटर प्रति दिन गैस का भी उत्पादन करेगा जो रिलायंस इंडस्ट्रीज के उत्पादन क्षेत्र - केजी-डी6 के पास में स्थित है।
उन्होंने कहा, ‘हम इस क्षेत्र के उत्तरी हिस्से के तेलकूपांे के पास स्थित क्षेत्र के साथ उत्पादन शुरू करना चाहते हैं।’ कंपनी फिलहाल इस क्षेत्र विकास योजना पर काम कर रही है जिसके लिए काफी निवेश की जरूरत होगी। केजी-डी5 को दो हिस्सों - उत्तरी खोज क्षेत्र और दक्षिण खोज क्षेत्र -में बांटा गया है।
ओएनजीसी के केजी बेसिन ब्लॉक से तेल उत्पादन 2019 तक
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