ग्वालियर । ग्वालियर चंबल में कभी कांग्रेस का प्रमुख चेहरा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से गए यूं तो साढ़े तीन साल हो गए हैं लेकिन कांग्रेस अभी तक तय नहीं कर पाई कि उनकी जगह किसको ग्वालियर चंबल का प्रमुख चेहरा बनाया जाए। कांग्रेस को इस अंचल को संभाले रखने के लिए सिंधिया की कमी बुरी तरह खल रही है।
गोविंद सिंह के भरोसे जनआक्रोश यात्रा
सिंधिया के जाने के बाद यह संभावना जताई जा रही थी कि कांग्रेस में उनके सबसे बड़े विरोधी रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पास ही यहां की कमान रहेगी लेकिन बहुत जल्द यह संभावना समाप्त हो गई। तीन सालों में बमुश्किल दो-तीन बार ही दिग्विजय सिंह यहां आए। दिग्विजय के बाद कांग्रेस ने अर्जुन सिंह के बेटे राहुल भैया को भेजा लेकिन उनका भी यहां मन नहीं लगा। पार्टी के पास इस अंचल में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। यहां की जनआक्रोश यात्रा भिंड की लहार विधानसभा के विधायक और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के भरोसे निकाली जा रही है।
आक्रोश में भी दिख रहा जोश
चंबल में चल रही जन आक्रोश यात्रा के दौरान टिकट के दावेदारों में जोश तो खूब दिख रहा है, परंतु आक्रोश भी नजर आ रहा है। यह आक्रोश यात्रा गुटबंदी का नतीजा बताया जा रहा है। यात्रा गुरुवार की रात मुरैना होते हुए भिंड के गोरमी में पहुंची तो सभा के मंच पर पहुंचे एक स्थानीय नेता को देखकर पार्टी के बड़े नेताजी भड़क उठे। उन्होंने उक्त नेता को मंच से नीचे उतरने का फरमान भरी सभा में सुना दिया। इस घटना का वीडियो प्रसारित हो रहा है। लोग अब चर्चा कर रहे हैं कि इतनी गुटबाजी चुनाव से पहले पार्टी के हित में नहीं है।