अमेरिका की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर भारत के लिए नई रणनीति बना रही है। इस कारण कंपनी ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ सभी प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है। इस मामले से वाकिफ तीन सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। पिछले साल दिसंबर में जॉइंट वेंचर से अलग हटने के बाद फोर्ड ने महिंद्रा को यह दूसरा झटका दिया है।
नए संबंधों या साझेदारी समाप्त करने के विकल्प पर भी विचार
एक सूत्र का कहना है कि कंपनी महिंद्रा के साथ नए संबंध बनाने या साझेदारी को समाप्त करने के विकल्प पर विचार कर सकती है। इसमें वाहन निर्माण से जुड़ी साझेदारी भी शामिल है। दो अन्य सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि फोर्ड इस संबंध में 1 महीने के अंदर फैसला कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, फोर्ड के CEO जिम फर्ले भारत में अधिक मुनाफे का रास्ता देखना चाहते हैं।
हाल ही में खत्म हुआ है महिंद्रा और फोर्ड का जॉइंट वेंचर
महिंद्रा एंड महिंद्रा और फोर्ड के बीच जॉइंट वेंचर को लेकर एक साझेदारी हुई थी। इसके तहत दोनों कंपनियां भारत और उभरते बाजारों के लिए कम से कम तीन स्पोर्ट्स यूटीलिटी व्हीकल (SUV) बनाने वाली थीं। 275 मिलियन डॉलर की इस डील के तहत दोनों कंपनियों में सप्लायर, पावरट्रेन और टेक्नोलॉजी शेयर करने का समझौता हुआ था। हालांकि, यह डील 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो गई थी।
फर्ले के CEO बनने के बाद बड़े बदलाव कर रही है फोर्ड मोटर
पिछले साल अक्टूबर में फर्ले के CEO बनने के बाद फोर्ड मोटर कंपनी 11 बिलियन डॉलर के रि-स्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत वैश्विक स्तर पर बड़े बदलाव कर रही है। इसमें ब्राजील में मैन्युफैक्चरिंग बंद करना और इलेक्ट्रिक व्हीकल रोलआउट में तेजी लाना शामिल है। एक सूत्र का कहना है कि सीमित वित्तीय साधनों के कारण भारत कम प्राथमिकता में है।
25 साल पहले हुई थी फोर्ड की भारत में एंट्री
फोर्ड की भारत में 25 साल पहले एंट्री हुई थी। लेकिन कंपनी भारत के कार बाजार में केवल 3% हिस्सेदारी पर कब्जा कर पाई है। भारत के कार बाजार में सुजुकी मोटर कॉर्प और हुंडई मोटर्स का कब्जा है। लो-कॉस्ट कारों की वजह से यह दोनों कंपनियां भारत के कार बाजार पर हावी हो पाई हैं।
भारत में स्वतंत्र रूप से जारी रहेगा फोर्ड का ऑपरेशन
फोर्ड के अधिकारियों और एनालिस्टों ने पहले कहा था कि महिंद्रा के साथ साझेदारी से कंपनी को भारत में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि इस साझेदारी से कंपनी को तेजी से नए वाहन लॉन्च करने में मदद मिलेगी। कम लागत और निवेश के कारण फोर्ड को प्रतियोगी कंपनियों से मुकाबला करने में मदद मिलेगी। अब फोर्ड का कहना है कि वह भारत में स्वतंत्र रूप से ऑपरेशन जारी रखेगी।
बिजनेस स्ट्रैटजी का रिव्यू कर रही है कंपनी
फोर्ड के प्रवक्ता कपिल शर्मा का कहना है कि कंपनी अपनी बिजनेस स्ट्रैटजी का रिव्यू कर रही है। 8% का EBIT मार्जिन हासिल करने और मजबूत कैश फ्लो हासिल करने के लिए कंपनी लगातार कैपिटल आवंटन कर रही है। हम जल्द ही कंपनी के प्लान की जानकारी देंगे।
इस डील से महिंद्रा के पास ग्लोबल मार्केट में एंट्री का मौका था
फोर्ड के साथ साझेदारी के जरिए महिंद्रा एंड महिंद्रा के पास ग्लोबल मार्केट में एंट्री का मौका था। लेकिन निवेश पर कम रिटर्न की चिंता के चलते कंपनी इस साझेदारी से अलग हो गई। महिंद्रा ने एक बयान में कहा है ऑटो निर्माता कंपनियां साझेदारी की ओर कदम बढ़ा रही हैं। कंपनी ने मार्च के अंत तक इस कार्य को पूरा करने की डेडलाइन तय की है।
महिंद्रा के साथ सभी कार्यक्रमों की समीक्षा कर रही है फोर्ड
एक सूत्र का कहना है कि फोर्ड जॉइंट वेंचर के तहत महिंद्रा के साथ शुरू किए जाने वाले सभी कार्यक्रमों की समीक्षा कर रही है। कंपनी देख रही है कि कौन सा कार्यक्रम उसके लिए मुनाफे के लिहाज से बेहतर होगा।
फोर्ड के लिए मिड-साइज्ड SUV सबसे महत्वपूर्ण
दो सूत्रों ने कहा है कि महिंद्रा के साथ जॉइंट वेंचर में मिड-साइज्ड SUV का निर्माण फोर्ड के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस SUV का निर्माण महिंद्रा के व्हीकल प्लेटफॉर्म और पावरट्रेन पर किया जाना है। फोर्ड की योजना इस SUV को 2022 तक लॉन्च करने की है। कंपनी ने हर साल करीब 50 हजार वाहन बेचने का लक्ष्य तय किया है। महिंद्रा ने सभी सप्लायर्स से इस प्रोजेक्ट से संबंधी सभी कार्यों को बंद करने के लिए कहा है।
नई शर्तों पर मोलभाव कर सकती है फोर्ड
एक सूत्र का कहना है कि फोर्ड महिंद्रा के साथ नई शर्तों और लागत को लेकर मोलभाव कर सकती है। इसमें EcoSport SUV के लिए दिया जाने वाले महिंद्रा इंजन भी शामिल है। इसके अलावा फोर्ड 2023 और 2024 में लॉन्च की जाने वाली दो अन्य SUV में महिंद्रा के इंजन इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। यदि दोनों कंपनियों के बीच समझौता हो जाता है तो फोर्ड को अपने इंजन को अपग्रेड करने के लिए अन्य सप्लायर या निवेश की आवश्यकता होगी।