भोपाल । राजधानी में पिछले साढ़े तीन माह से कुत्तों की नसबंदी नहीं हो सकी है। इस वजह से शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। शहर में कुत्तों की नसबंदी करने वाली संस्था का अनुबंध पिछले साल नवंबर में ही समाप्त हो चुका है। शहर के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां कुत्तों का आतंक है और ये लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। गेहूंखेड़ा, कोलार, अवधपुरी, बाग मुगालिया, जहांगीराबाद, एमपी नगर, तलैया, शाहपुरा, माता मंदिर क्षेत्र, पंचशील नगर समेत कई इलाकों में कुत्तों के शिकार के मामले भी बढ़ गए हैं। आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए अब नगर निगम ने एक स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) का चयन कर लिया है, जो अनुबंध के बाद नसबंदी का काम शुरू करेगी। संभवत: फरवरी के अंत तक अनुबंध समेत अन्य प्रक्रियाएं पूरी हो जाएंगी। इस संबंध में फाइल भी वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई है। नसबंदी न होने के कारण कुत्तों की तादाद बढ़ी है और इनके द्वारा लोगों को काटने की शिकायतें भी बढ़ी है। नवंबर में ऐसी 1987 शिकायतें की गई थीं, जबकि दिसंबर में यह आंकड़ा 2100 के पार पहुंच गया। जनवरी व फरवरी में करीब दो हजार शिकायतें की गई हैं। बता दें कि नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सीनेशन पर नगर निगम ने वर्ष 2019-20 में डेढ़ हजार रुपये खर्च किए थे। इस अवधि में 13 हजार 423 नसबंदी की गई थीं। कोलार में चूना भट्टी चौराहे से बैरागढ़-चीचली तक दर्जनों कुत्ते सड़क पर मंडराते रहते हैं, जो कई बार वाहन चालकों को काटने के लिए पीछे पड़ जाते हैं। इससे हड़बड़ाहट में वाहन चालक गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं। कॉलोनियों के भीतर भी यही स्थिति है। इस बारे में नगर निगम के अपर आयुक्त एमपी सिंह का कहना है कि नई संस्था का चयन किया गया है। अनुबंध के बाद आवारा कुत्तों की नसबंदी का काम शुरू होगा।
आवारा कुत्तों की नसबंदी का काम पुन: शुरु होगा
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