भोपाल । कन्या विवाह योजना में बदलाव को लेकर कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार को कन्याओं में भेद नहीं करना चाहिए। क्या कन्यापूजन के कार्यक्रम से भी इनकम टैक्स देने वाली कन्याओं के परिवार को बाहर करेंगे ? इधर नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि पहले भी योजना में आयकरदाता सम्मिलित नहीं थे।
सीएम शिवराज के विधायकों को पीए रखने में सावधनी बरतने की बात पर पीसी शर्मा ने कहा - पीए और पर्सनल स्टाफ की निष्ठा पर सवाल उठाना सही नहीं है। सभी अधिकारी-कर्मचारी ईमानदारी से ही काम करते हैं।
शिवराज सरकार लेने जा रही ये फैसला
बता दें, मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना से अब आयकरदाता और एपीएल (जो गरीबी रेखा से ऊपर वाले) बाहर होंगे। इसके लिए राज्य सरकार इस योजना की पात्रता शर्तों को बदलने जा रही है। इसके साथ ही विवाह-निकाह के 9 बड़े मुहुर्त मिलने के बजाय अब दो ही मुहुर्त दिए जाएंगे। जिसमें सामूहिक विवाह-निकाह होगा। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए सामाजिक न्याय विभाग ने तैयारी कर ली है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद नियम होगा लागू
सरकार जल्द ही कैबिनेट मंजूरी के बाद इसे लागू कर देगी। यह योजना 2021-22 के लिए होगी। बता दें कि मु्ख्यमंत्री विवाह-निकाह योजना में हर साल तकरीबन 50 हजार शादियां होती हैं। हालांकि 2020 में कोरोना और लॉकडाउन के कारण इस स्कीम में कोई भी शादी नहीं हो पाई।
ये हुए महत्वपूर्ण बदलाव
गौरतलब है कि पहले इस विवाह-निकाह योजना के अंतर्गत एक से ज्यादा बार शादी की जा सकती थी। लेकिन, नई व्यवस्था में एक बार से ज्यादा शादी करने वालों को लाभ नहीं मिलेगा। दूसरी ओर, उसी व्यक्ति को इसका लाभ मिलेगा जो बीपीएल और संबल योजना में पंजीकृत होगा। इसी तरह निकाय का निवासी, उसी निकाय के सामूहिक विवाह सम्मेलन में भाग लेगा।