नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शिखर बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए नाथू ला दर्रे से होकर नया मार्ग खोलने का समझौता शामिल है। चीन भारत में 5 साल में 20 अरब डॉलर का निवेश करेगा। हैदराबाद हाऊस में तकरीबन 2 घंटे तक चली प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। कैलाश मानसरोवर यात्रा का नया मार्ग खोलने के समझौते पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और चीन के विदेश मत्री वांग यी ने हस्ताक्षर किए। इसके अंतर्गत उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के अलावा सिक्किम के नाथू ला दर्रे से होकर नया मार्ग खोलने की सहमति जताई। इससे इस कठिन तीर्थयात्रा की अवधि घटेगी तथा मोटरवाहन से यात्रा संभव होगी।

दोनों देशों के बीच रेलवे के विकास के 2 करार हुए जिन पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अरुनेन्द्र कुमार तथा चीन के राष्ट्रीय रेल प्रशासन के प्रशासक लू दोंगफू ने हस्ताक्षर किए। इनमें रेलमार्गों पर गति बढ़ाने, हाई स्पीड रेलवे के क्षेत्र में सहयोग की संभाव्यता पर काम करने, हैवी मालगाडिय़ों के परिवहन के लिए रेलकर्मियों को प्रशिक्षण देने, रेलवे स्टेशनों के विकास तथा रेलवे विश्वविद्यालय की स्थापना आदि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का समझौता शामिल है।

वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और चीन के वाणिज्य मंत्री गाओ हुचेंग के बीच 2 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए जिनमें पंच वर्षीय व्यापार एवं आर्थिक विकास योजना पर सहमति ज्ञापन शामिल है। इस योजना में दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन दूर करने, निवेश सहयोग बढ़ाने, पारदर्शी स्थिर एवं निवेश अनुकूल व्यापारिक वातावरण बनाने तथा वाणिज्य मंडलों के बीच सहयोग बढ़ाने का रोडमैप दिया गया है। इसके अलावा मुंबई को चीन के शंघाई शहर की तर्ज पर विकसित करने का भी समझौता किया गया। वहीं शी जिनपिंग के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज के दौरान प्रणव ने कहा कि दोनों देशों के बीच सांझा हितों के क्षेत्रों में व्यापक समझौतों पर हस्ताक्षर से हमारे संबंधों की बढ़ती प्रगाढ़ता परिलक्षित होती है।

चीनी मीडिया ने मोदी-शी मिलन को प्रमुखता दी : मोदी-शी मिलन को चीन की सरकारी मीडिया ने पहले पन्ने पर लेखों और तस्वीरों के साथ प्रमुखता से प्रकाशित किया। चाइना डेली की लीड स्टोरी में अहमदाबाद के होटल में शी और उनकी पत्नी फेंग लियुअन की अगवानी  करते मोदी की तस्वीर के साथ लिखा  था, ‘‘शी, मोदी ने औपचारिकता  को  परे रखकर दौरे के लिए दोस्ताना माहौल का निर्माण किया।’’

जिनपिंग की भारत यात्रा से चीन से हमारे संबंधों पर असर नहीं पाक : पाक ने आज कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा से इस्लामाबाद और चीन के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


दोनों देशों में हुए समझौते

1. स्वास्थ्य क्षेत्र में मदद
2. रेलवे आधुनिकीकरण
3. कस्टम में परिवर्तन
4. शंघाई की तर्ज पर मुम्बई का विकास
5. परमाणु, बिजली के लिए
6. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नया रास्ता
7. सांस्कृतिक क्षेत्र में आदान-प्रदान
8. सीमा के मसले शांति से सुलझाने का यत्न
9. ऑडियो-वीडियो मीडिया पर समझौता
10. प्रमुख आर्थिक मुद्दों पर विचार पर सहमति
11. रेलवे में 2 एम.ओ.यू. पर सहमति
12. वास्तविक  कंट्रोल लाइन पर विचार पर सहमति

मिलकर खोलेंगे तरक्की की राह : जिनपिंग
कहा-जल्द निकालेंगे सीमा विवाद का हल
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत और चीन के सदियों पुराने रिश्तों को विकास की रणनीतिक सांझेदारी के रूप में मजबूत करने पर बल देते हुए आज कहा कि दोनों देशों का यह रिश्ता समूचे विश्व के लिए तरक्की के अवसरों का मार्ग खोलेगा। शी ने कहा कि उनकी यात्रा का पहला लक्ष्य दोनों देशों की मित्रता को आगे ले जाना और दूसरा लक्ष्य भारत और चीन के बीच विकास के लिए सहयोग को बढ़ाना है। शी ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा चिन्हित न होने के कारण कुछ घटनाएं होती रहती हैं और चीन सीमा विवाद को जल्दी निपटाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 
सीमा विवाद पर मोदी की चीन को दो टूक कहा-विवाद के चलते संबंधों में सुधार संभव नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को सीमा विवाद के मुद्दे पर दो टूक शब्दों में कहा कि सीमा पर विवाद के चलते संबंधों में सुधार नहीं हो सकता। मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी घुसपैठ के अलावा वीजा नीति का मुद्दा भी उठाया। मोदी ने कहा कि जहां हमने संबंधों को बढ़ाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की है, वहीं मित्रता की दृष्टि से कुछ कठिन विषयों पर भी बात की है।

चीन की ओर से घुसपैठ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमा पर हुई घटनाओं को लेकर मैंने चिंता जताई है। मोदी ने कहा कि चीन की वीजा नीति और दोनों देशों में बहने वाली नदी (ब्रह्मपुत्र) को लेकर उसकी नीति को लेकर भी मैंने चिंता जताई है। मोदी ने कहा कि चीन भारत का सबसे बड़ा पड़ोसी देश है और दोनों देश बड़े पैमाने पर आर्थिक और सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं।