वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि पेंटागन ने एक कार्यबल का गठन किया है, जो चीन द्वारा पेश की जा रही चुनौती से निपटने के लिए आगामी कुछ महीने में अपने सुझाव देगा। बाइडेन ने कहा, कार्यबल में विभिन्न मंत्रालयों के असैन्य एवं सैन्य विशेषज्ञ शामिल किया गया है। जो रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन को आगामी कुछ महीने में अहम प्राथमिकताओं एवं निर्णय संबंधी सुझाव देगा, ताकि हम चीन संबंधी मामलों को आगे ले जाने के लिए एक मजबूत मार्ग तैयार कर सकें। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए पूरी सरकार के प्रयास, संसद में द्विपक्षीय समर्थन और मजबूत गठबंधन एवं साझेदारी की आवश्यकता होगी। पेंटागन ने बयान में बताया कि विदेश मंत्री के विशेष सहायक डॉ.एली रैटनर कार्यबल की अगुवाई करने वाले हैं, जो चार महीने में अपने सुझाव देगी। 
बाइडेन ने कहा, हमें चीन की बढ़ती चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता है, ताकि शांति कायम रह सके और हिंद-प्रशांत एवं विश्वभर में हमारे हितों की रक्षा हो सके। देश की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी बाइडेन के साथ पेंटागन का दौरा किया। दूसरी ओर, भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है।अमेरिका ने अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के रवैए पर चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं। हम भारत एवं चीन की सरकारों के बीच जारी वार्ता से अवगत हैं और सीधी वार्ता और उन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन कर रहे हैं। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर गतिरोध चल रहा है।