नई दिल्ली । भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक तब होती है, जब किसी राज्य में विधानसभा या देश में लोकसभा चुनाव घोषित हो चुके हो, अथवा राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने हों या उपचुनाव के लिए। लेकिन इस साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से काफी समय पूर्व ही भाजपा ने चुनाव समिति की बैठक कर संकेत दिया है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अगले साल फिर लाल किले से देश को संबोधित करने का जो वादा किया है उसे पूरा करने के लिए पार्टी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।
बता दें कि भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई जिसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों और भावी रणनीति पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के लिए उम्मीदवारों की घोषणा आगामी कुछ दिनों में हो सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नवंबर-दिसंबर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा अपनी स्थिति राजस्थान में बेहद मजबूत मान रही है। पार्टी का मानना है कि पिछले विधानसभा चुनावों से सबक लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसी प्रकार की ढील नहीं देनी है, इसलिए चुनावी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इन दोनों ही राज्यों में पार्टी ने विधानसभा सीटों को कुछ श्रेणियों में बांटा है, इसके तहत सबसे पहले उन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जायेगी जिन पर उम्मीदवारी को लेकर कोई विवाद नहीं है। पार्टी ने तय किया है कि सभी केंद्रीय नेता मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के अब लगातार चुनावी दौरे भी करने वाले हैं। 
चुनाव समिति की बैठक में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नेताओं की ओर से जमीनी रिपोर्ट साझा की गई। सूत्रों ने बताया कि पार्टी उन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां उसे एक मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उसका मानना है कि वह मजबूत उम्मीदवारों के चयन सहित कुशल रणनीति के साथ बाजी अपने पक्ष में बदल सकती है। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मंत्री राजनाथ सिंह तथा अमित शाह सहित सीईसी के अन्य सदस्य मौजूद थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अलावा दोनों राज्यों के संगठन से जुड़े कुछ प्रमुख नेता भी बैठक में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि इसी तरह की सीईसी बैठकें अन्य राज्यों के लिए भी आयोजित की जा सकती हैं।
बता दें कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य विधानसभा चुनावों का यह अंतिम दौर होगा। पार्टी का कहना है कि यह बैठक बुलाया जाना इस बात का भी संकेत है कि राज्यों के चुनाव प्रचार अभियान में केंद्रीय नेतृत्व की अधिक भागीदारी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। भाजपा अभी केवल मध्य प्रदेश में सत्ता में है और राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार है, जबकि तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सरकार है। पार्टी का मानना है कि यदि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सत्ता छीन ली जाये तब लोकसभा चुनावों से पहले उसके मनोबल तो तोड़ा जा सकता है।