टिकैत बोले- दबाव में सरकार से बात नहीं करेंगे, कानून वापसी के लिए 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया
कृषि कानूनों के खिलाफ 73 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को 3 राज्यों दिल्ली, UP और उत्तराखंड को छोड़ देशभर में चक्काजाम की अपील की थी। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किए गए जाम का सबसे ज्यादा असर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में दिखा। इन राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने स्टेट और नेशनल हाईवे जाम कर दिए।
शनिवार का चक्काजाम शांतिपूर्ण रहा। इस दौरान एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सर्विस वाले वाहनों को नहीं रोका गया। वहीं हिंसा, तोड़फोड़ या हादसे की भी कोई खबर नहीं आई। इसकी बड़ी वजह यह भी थी कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा से सबक लेकर पुलिस और किसान नेता सतर्क थे। चक्काजाम खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि दबाव में सरकार से बात नहीं करेंगे। साथ ही कहा कि कानून वापसी के लिए सरकार को 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया है।
3 राज्यों में सबसे ज्यादा असर रहा
राजस्थान: प्रदर्शनकारियों ने स्टेट और नेशनल हाईवे जाम कर दिए। दिल्ली-जयपुर हाईवे 4 घंटे तक पूरी तरह बंद रहा, क्योंकि शाहजहांपुर बॉर्डर से गुजरने वाली रोड पर किसानों ने सुबह 11 बजे ही जाम लगा दिया था। वहीं जयपुर शहर में जाम लगाने के लिए सड़कों पर ट्रैक्टर खड़े किए, तो अलवर में पत्थर और कंटीली झाड़ियां डालकर सड़कें रोक दीं। कोटा में ट्रैक्टर रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया।
जयपुर शहर के अंदर प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर खड़े कर सड़कें रोक दीं। जाम का समय 3 बजे तक तय था, लेकिन 4 बजे तक भी ट्रैफिक नॉर्मल नहीं हो पाया।
जयपुर शहर के अंदर प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर खड़े कर सड़कें रोक दीं। जाम का समय 3 बजे तक तय था, लेकिन 4 बजे तक भी ट्रैफिक नॉर्मल नहीं हो पाया।
हरियाणा: किसानों के जाम को देखते हुए एहतियातन स्कूलों में छुट्टी कर दी गई। राज्य के 5 जिलों में चक्काजाम का असर सबसे ज्यादा रहा। भिवानी जिले में कितलाना टोल प्लाजा समेत 15 जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं। हिसार में नेशनल और स्टेट हाईवे तो जाम किए ही, साथ ही गांवों को जोड़ने वाली सड़कें भी रोक दीं। जींद जिले में जींद-चंडीगढ़ रोड समेत 15 जगहों पर किसानों ने जाम लगाया। यमुनानगर में 12 जगहों में इसका असर दिखा। कैथल जिले के कलायत में नेशनल हाईवे पर 3 घंटे आवाजाही बंद रही तो गुहला चीका में कैथल रोड पर जाम का असर ज्यादा देखा गया।
पलवल में प्रदर्शनकारी सड़कों पर बैठ गए। इनमें भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। चक्काजाम की वजह से करीब 4 घंटे तक ट्रैफिक बंद रहा।
पलवल में प्रदर्शनकारी सड़कों पर बैठ गए। इनमें भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। चक्काजाम की वजह से करीब 4 घंटे तक ट्रैफिक बंद रहा।
पंजाब: यहां भी शहरों के साथ-साथ गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर भी जाम का असर देखा गया। किसानों ने हाईवे पर टोल प्लाजा के पास जाम लगा दिए। संगरूर में लड्डा टोल, कालाझाड़ टोल और सुनामी टोल पर जाम रहा। बठिंडा के गांव घुद्दा, जीदा, लहरा बेगा और भाई बखतौर पर ट्रैफिक रोक दिया। पटियाला में शंभू बॉर्डर और राजपुरा हाईवे पर गांव धरेड़ी जट्टा के टोल पर भी किसान धरने पर बैठे। फतेहगढ़ साहिब में लुधियाना-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे को जाम किया तो फाजिल्का के रामपुरा गांव, मंडी लधुका, मंडी घुबाया और घनगा खुर्द समेत 6 गांवों की सड़कों पर किसान धरने पर बैठे। (पूरी खबर यहां पढ़ें)
मोहाली में प्रदर्शनकारियों ने अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे जाम करने के लिए बीच सड़क पर ट्रैक्टर खड़े किए। हालांकि, इमरजेंसी वाहनों को खुद प्रदर्शनकारियों ने ही जाम से निकाला।
मोहाली में प्रदर्शनकारियों ने अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे जाम करने के लिए बीच सड़क पर ट्रैक्टर खड़े किए। हालांकि, इमरजेंसी वाहनों को खुद प्रदर्शनकारियों ने ही जाम से निकाला।
लुधियाना में एक ट्रैक्टर पर भिंडरावाला का झंडा दिखा
किसान आंदोलन की शुरुआत से ही आरोप लग रहे हैं कि आंदोलन में खालिस्तान समर्थक अलगाववादी सक्रिय हैं। लुधियाना में शनिवार को चक्काजाम के दौरान भी एक ऐसी ही घटना हुई। यहां एक प्रदर्शनकारी ने ट्रैक्टर पर ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाला का झंडा लगा रखा था।
दिल्ली में चक्काजाम नहीं, लेकिन प्रदर्शन हुआ
किसानों ने वादे के मुताबिक दिल्ली में सकड़ें तो नहीं रोकीं, लेकिन कुछ जगह प्रदर्शन हुए। पुलिस पहले से ही सतर्क थी, इसलिए कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। 26 जनवरी की हिंसा को देखते हुए भी पुलिस एहतियात बरत रही थी, इसलिए गाजीपुर बॉर्डर पर पहले ही भारी फोर्स लगा दी गई। टीकरी बॉर्डर पर ड्रोन से नजर रखी गई, तो लाल किले के पास बैरिकेड लगाने के साथ ही कीचड़ से भरे ट्रक खड़े किए गए।
इन 5 राज्यों में भी जाम लगे, लेकिन असर कम
मध्यप्रदेश: कांग्रेस ने देशभर में चक्काजाम का समर्थन किया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो भी लोग कृषि कानूनों के खिलाफ हैं वे चक्काजाम में शामिल हों। हालांकि, राज्य में ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन में ही चक्काजाम का थोड़ा बहुत असर रहा।
महाराष्ट्र: यहां कराड और कोल्हापुर में प्रदर्शनकारियों ने रास्ते रोके। पुलिस ने 40 लोगों को हिरासत में ले लिया। इनमें कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण की पत्नी सत्वशीला चव्हाण भी शामिल थीं। ये लोग कराड में कोल्हापुर नाका पर प्रदर्शन कर रहे थे। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
तेलंगाना: हैदराबाद के बाहरी इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने चक्का जाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इन्हें हटा दिया।
कर्नाटक: बेंगलुरु में येलाहंका पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शनकारी जमा हुए थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया।
जम्मू-कश्मीर: प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-पठानकोट हाइवे जाम कर दिया। इससे करीब 3 घंटे ट्रैफिक रुका रहा।