CM शिवराज से मांगी थी नौकरी, 4 दिन बाद ही स्टडी रूम में फंदे पर झूली MBA स्टूडेंट
घटना राऊ थाना क्षेत्र की है। इसी थाने में मामला दर्ज किया गया है।
नौकरी के लिए 31 जनवरी को ही छात्रा ने मुख्यमंत्री को एक आवेदन दिया था
पढ़ाई के साथ रोजगार भी चाहती थी युवती, लॉकडाउन में पढ़ाई नहीं हो पाई, परीक्षा आ गई थी
पांच दिन पहले ही CM से नौकरी मांगने वाली इंदौर की एमबीए की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। जिस स्टडी रूम में वह 15-15 घंटे पढ़ाई किया करती थी, उसी में वह फंदे से लटकी मिली। यह देखकर परिजन बदहवास हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा।
फिलहाल कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। बताया गया है कि लॉकडाउन के कारण उसकी पढ़ाई नहीं हो पाई थी, करियर की भी चिंता थी। परीक्षा पास आ रही थी, ऐसे में उसे पेपर को लेकर टेंशन होने लगी थी। उसने 31 जनवरी को नौकरी के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम आवेदन दिया था। वह पढ़ाई के साथ ही रोजगार भी चाहती थी।
जांच अधिकारी महेश श्रीवास्तव ने बताया कि राऊ के राम रहीम कॉलोनी में रहने वाली 25 साल की नैंसी वर्मा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। बोलने और सुनने की क्षमता कम होने से वह करियर को लेकर ज्यादा चिंतित रहती थी। परिवार में दो बहन और एक भाई हैं। वह सबसे बड़ी थी। पिता पीथमपुर में जॉब करते हैं।
पिता ने कहा- रात में दरवाजा नहीं खोला तो लगा बेटी सो गई होगी
पिता ने पुलिस को बताया, 'जब भी हम शादी को लेकर बात करते तो वह चिंतित हो जाया करती थी। रात करीब 8 बजे सबके साथ उसने खाना खाया था। इसके बाद अपने कमरे में पढ़ने चली गई। कई बार वह वहीं पर पढ़ते-पढ़ते सो जाया करती थी। कई बार सोने के लिए नीचे आ जाया करती थी। रात 11 बजे मैं राेज की तरह घर आया और बेटी को देखने गया। दरवाजा खटखटाया तो उसने दरवाजा नहीं खोला। मुझे लगा वह सो गई होगी। इसके बाद मैं भी जाकर सो गया। सुबह करीब 7 बजे जब ऊपर गए तो दरवाजा बंद था, जबकि वह छह से साढ़े छह बजे तक उठ जाया करती थी। खिड़की से झांका तो बेटी फंदे पर लटकी थी। उसने दुपट्टे से फांसी लगाई थी। कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। बस उसकी किताबें ही रखी थीं।'
परिजन बोले - पढ़ने में बहुत होशियार थी
परिजन हेमंत सोलंकी ने बताया कि नैंसी को पढ़ने का बहुत शौक था। हालांकि बचपन से ही उसे बोलने और सुनने में थोड़ी परेशानी थी। इस बात का भी उसे तनाव था। वह होशियार छात्रा थी। उसे अपने करियर को लेकर चिंता रहती थी। लॉकडाउन के कारण उसकी पढ़ाई नहीं हो पाई थी। परीक्षा पास आ रही थी, ऐसे में उसे पेपर को लेकर टेंशन होने लगी थी। इन्हीं सब कारणों से उसने अपने स्टडी रूम में फांसी लगाकर जान दे दी।