नई दिल्ली। भारत में नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, इस आंदोलन में सबसे बड़े किसान नेता के रूप में उभरे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को इन विदेशी हस्तियों के बारे में एक बेहद हैरान करने वाला बयान दिया है। मीडिया कर्मियों ने आज जब राकेश टिकैत को यह बताया कि कई विदेशी कलाकारों जैसे रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग, मिया खलिफा द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन किया है तो टिकैत ने कहा कि मुझे क्या पता, समर्थन किया होगा, मैं क्या उन्हें जानता हूं।
टिकैत ने कहा कि हॉलीवुड कलाकारों द्वारा किसानों के आंदोलन का समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है, मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से तो नहीं जानता, लेकिन वे बिना किसी स्वार्थ के समर्थन कर रहे हैं। अगर संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें धन्यवाद दिया है, तो किसान यूनियन वही करेगा।
इससे पहले टिकैत ने कहा कि सरकार पहले की तरह संयुक्त किसान मोर्चा से बात कर ले, लेकिन सरकार बात नहीं कर रही क्योंकि वो इस आंदोलन को लंबा चलाना चाहती है। हम बातचीत के लिए कहते रहेंगे कि बात करो। उन्होंने कहा कि 6 फरवरी को तीन घंटे का चक्का जाम होगा। यह दिल्ली में ही नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर हर जगह होगा। इसमें फंसे लोगों को खाना और पानी दिया जाएगा। हम उन्हें बताएंगे कि सरकार हमारे साथ क्या कर रही है।
बता दें कि किसानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए पॉप सिंगर रिहाना, पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग, पोर्न स्टार मियां खलीफा और कमला हैरिस की भांजी समेत दुनियाभर से कई विदेशी हस्तियों ने इसको लेकर टिप्पणी की है।
दुनिया की नामचीन हस्तियों का किसानों आंदोलन को समर्थन देना गर्व की बात
संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को कहा था कि दुनिया की नामचीन हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन देना गर्व की बात है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार उनका दर्द नहीं समझ रही है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए ट्वीट किया था। किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया था कि एक तरफ यह गर्व का विषय है कि दुनिया की नामचीन हस्तियां किसान आंदोलन का समर्थन कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार किसानों का दर्द नहीं समझ रही है और कुछ लोग तो शांतिपूर्ण किसानों को आतंकवादी बता रहे हैं। मोर्चा की ओर से यह भी दावा किया गया कि आंदोलन हर दिन तेज होता जा रहा है।
बयान में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायतों में बड़ा समर्थन मिलने के बाद किसानों ने मध्य प्रदेश के डबरा और फूलबाग, राजस्थान के मेहंदीपुर और हरियाणा के जींद में महापंचायत आयोजित की। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में किसान दिल्ली आएंगे। बयान में कहा गया कि शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रतिदिन राजस्थान और पंजाब से किसान आ रहे हैं। मोर्चा की ओर से कहा गया कि पलवल बॉर्डर पर किसानों ने पुनः धरना शुरू कर दिया है और मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से कई किसान आने वाले दिनों में आंदोलन में शामिल होंगे।