अनाधिकृत रूप से डाॅक्टर शब्द का इस्तेमाल कर इलाज करने वाले व्यक्ति का अनाधिकृत क्लीनिक बंद कराया गया

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग में मामला आने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सतना द्वारा बिना योग्यता के  डाॅक्टर शब्द का इस्तेमाल कर मरीजों का इलाज करने वाले व्यक्ति का अनाधिकृत क्लीनिक बंद करा दिया गया है। मामला वर्ष 2020 का है। आयोग में दर्ज प्रकरण क्र. 3570/सतना/2020 के अनुसार ग्राम खेरवाटोला, नागौद, जिला सतना निवासी आवेदक श्री संजय कुमार तिवारी ने नागौद कस्बे में बालाजी डे केयर अपंजीकृत क्लीनिक चलाने वाले श्री बालमुकुन्द विश्वकर्मा द्वारा बिना मान्य योग्यता प्रमाण पत्र के लगातार जनता का इलाज करने के विरूद्ध बीते दो वर्षों से शिकायत करने के बावजूद भी फर्जी डाॅक्टर के विरूद्ध कार्यवाही न होने की आयोग से शिकायत की थी। आयोग द्वारा मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सतना से रिपोर्ट मांगकर निरंतर सुनवाई की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सतना ने प्रतिवेदन दिया है कि आवेदक की शिकायत पर विगत 16 दिसम्बर 2020 को बालाजी डे केयर अपंजीकृत क्लीनिक का निरीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि श्री विश्वकर्मा इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति से अभ्यस्त हैं, परन्तु वे एलोपैथी पद्धति से मरीजो का उपचार कर रहे हैं। अतः रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के अंतर्गत विधिवत पंजीयन न होने से बालाजी डे केयर अपंजीकृत क्लीनिक तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया है। शिकायत के अंतिम निराकरण पश्चात प्रकरण नस्तीबद्व कर दिया गया है।