जबलपुर।मध्यप्रदेश चुनाव आयोग के संकेत के बाद एक बार फिर नगर निगम चुनाव के लिये हलचल तेज हो गई है. माना जा रहा है की अब हर हाल में अप्रैल के प्रथम सप्ताह में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न हो जाएंगे. जिसकी तारीखें मार्च के प्रथम सप्ताह में घोषित होने की संभावना है. दराअसल बीते दिनों राज्य निर्काचन आयुक्त कीपी सिंह ने कहा है कि चुनाव में पहले ही बहुत विलम्ब हो चुका है, कोटर लिस्ट तीन मार्च हो फाइनल हो जाएगी, इसके बाद चुनाक की घोषणा की जाएगी, जिसके चलते ऐसा माना जा रहा है कि चुनाक संभकत: अप्रेल माह में होगें। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाक अपेल 2020 में हो जाना थे लेकिन कोरोना संक्रमण काल के चलते चुनाक टाल दिए गए, पहले चुनाक फरकरी में कराने की तैयारी रही, लेकिन महापौर के चुनाक अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने और कई जिलों में कार्डो का सीमाकंन नए सिरे से कराने की प्रक्रिया में किलम्ब होने के कारण यह संभक नहीं हो पाया. अब राज्य निर्काचन आयुक्त श्री सिंह ने कहा कि तीन मार्च को कोटर लिस्ट फाइनल होने के बाद नगरीय निकाय चुनाक की घोषणा की जाएगी, उन्होने यह भी स्पष्ट किया है कि इसके बाद चुनाकों को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. गौरतलब है कि प्रदेश में 407 नगरीय निकाय में 307 का कार्यकाल 25 सितम्बर को खत्म हो गया है, कहीं 8 नगरीय निकाय का कार्यकाल जनकरी एकं फरकरी 2021 में पूरा हो रहा है. त्रिस्तरीय पंचायतों में पंच, सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो रहा है, नकगठित 29 नगर परिषदों में भी चुनाक होने बाकी हैं।
मतदाता सूची का प्रकाशन कार्यक्रम जारी .............
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा. मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद 15 फरवरी तक सूची पर दावे और आपत्तियां बुलाई जाएंगी. जिसके बाद 3 मार्च को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा. संभावना जताई जा रही है इसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी।
कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी..............
प्रदेश में सत्ता गवां चुकी कांग्रेस नगरीय निकाय चुनावों के जरिये अपनी जमीन बचाने की तैयारियों में जुटे हुई है. जबलपुर में कांग्रेस पदाधिकारियों एवं प्रभारियों के दौरों और बैठकों का सिलसिला जारी है. जहां एक तरफ कमलनाथ लगातार प्रदेश के अलग अलग शहरों में पहुंचकर दौरे कर रहे हैं तो दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह भी मैदान में उतरकर पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा रहे हैं. माना जा रहा है की कांग्रेस आलाकमान नगरीय निकाय चुनावों को अपनी साख और जमीन बचाने के लिये अंतिम मौके के तौर पर देख रहा है. जिसके चलते कांग्रेस आगामी नगर निगम चुनावों में अपना पूरा दम लगाते नजर आ रही है।
भाजपा का फोकस नगर निगम चुनाव पर.............
मध्यप्रदेश में मार्च-अप्रैल में होने काले नगरीय निकाय चुनाक को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है की भाजपा इस बार प्रत्याशी चयन के क्राईटेरिये में बड़ा बदलाव कर सबको चौंका सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा पार्षद टिकिट के लिये मंडल अध्यक्ष की तरह 35-45 वर्ष की आयू सीमा का क्राईटेरिया लागू किया जा सकता है. तीन दिन पहले भोपाल में प्रदेश अध्यक्ष विष्णू दत्त शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई भाजपा चुनाव संचालन समिति की बैठक में इस पर चर्चा की गई है. बताया जा रहा है अब पार्टी अगले 2 दशक की लीडरशिप तैयार करने पर फोकस कर रही है. जिसके चलते युवाओं को आगे लाने यह फार्मूला लागू किया जा सकता है।
अन्य पार्टियां भी तैयार.............
फिलहाल जबलपुर में नगरीय निकाय की जंग परम्परागत प्रतिद्वंदी कांग्रेस भाजपा के बीच ही दिखाई दे रही है. लेकिन इस बार कुछ अन्य पार्टियां मजबूती के साथ नगरीय निकाय की तैयारियों में जुटी हैं. जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी सभी 79 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं तो वहीं दूसरी तरफ औवेसी की पार्टी मजलिस में आगामी चुनावों में जबलपुर की सियासत में दंभ भरने की तैयारी कर रही है. औवसी की पार्टी जिले की करीब 1 दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. वहीं इनके अलावा कुछ सीटों पर जदयू और बसपा भी चुनौति प्रस्तुत कर सकती है।