भोपाल : निर्माण श्रमिकों के मेधावी बच्चों के लिए गत वर्ष से प्रारंभ सुपर 500 योजना अब 'सुपर 5000'' के नाम से जानी जाएगी। योजना में अब 500 के स्थान पर निर्माण श्रमिकों के अध्यनरत 5000 मेधावी बच्चों को 25-25 हजार की सहायता राशि दी जाएगी। श्रम मंत्री अंतर सिंह आर्य ने यह घोषणा आज यहाँ विश्वकर्मा जयंती पर म.प्र. भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के समारोह में की।
श्रम मंत्री ने कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आए पंजीकृत निर्माण श्रमिकों और उनके परिजन को सुपर 500 योजना, प्रसूति, विवाह और चिकित्सा सहायता, शिक्षा प्रोत्साहन योजना आदि के हितलाभ पत्र भी वितरित किए। प्रमुख सचिव श्रम मुक्तेश वार्ष्णेय विशिष्ट अतिथि थे।
श्रम मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि श्रमिकों के बच्चे भी उच्च शिक्षा ग्रहण करें। सुपर 5000 योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्र लाभान्ति होंगे। राज्य की मेरिट में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में प्रथम 5-5 हजार यानी कुल 10 हजार श्रमिक पुत्र-पुत्री को 25-25 हजार रूपये का हित लाभ दिया जायेगा। श्री आर्य ने कहा कि श्रमिकों की कठिनाई को दूर करने के लिए अन्य हितग्राहीमूलक योजनाओं में भी संशोधन किए जा रहे हैं।
श्रमोदय स्कूल
श्री आर्य ने कहा कि श्रम विभाग श्रमिकों के बच्चों के लिए नवोदय स्कूल की तर्ज पर श्रमोदय स्कूल खोलने जा रहा है। ये स्कूल भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में खोले जाएँगे। स्कूलों के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही चल रही है। श्री आर्य ने श्रम विभाग के अधिकारियों से सभी श्रमिकों को न्यायोचित ढंग से न्यूनतम वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
श्रम मंत्री श्री आर्य ने दो प्रचार वाहन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रदेश के सभी जिलों में श्रम विभाग कार्यालय में उपलब्ध वेन द्वारा अपने-अपने जिलों में हितग्राहीमूलक योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर अधिकतम श्रमिकों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा। श्री आर्य ने मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की मार्गदर्शिका और योजनाओं के ब्रोशर भी जारी किये।
सुपर 500 योजना हुई सुपर 5000 योजना
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