भोपाल : गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कारगिल के योद्धाओं को शत-शत नमन करते हुए कहा कि उनका बलिदान अविस्मरणीय रहेगा। डॉ. मिश्रा प्रशासन अकादमी में कारगिल विजय दिवस पर कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों को सम्मानित कर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर म.प्र. सैनिक कल्याण वेब पोर्टल और मोबाइल एप का लोकार्पण किया गया। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने सैनिकों के कल्याण के लिये सशस्त्र झण्डा दिवस पर एकत्रित की जाने वाली अंशदान राशि क्यू.आर. कोड से स्केन कर प्रदान की। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, संचालक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अरुण नायर सेना मेडल, विनीत तिवारी प्रमुख सलाहकार आई.टी. एवं शहीदों के परिजन और सैनिक कल्याण के अधिकारी भी मौजूद रहे।
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि आज शहीदों की माताओं से मिल कर मन भर आया है, पर शहीदों के शौर्य से हर भारतीय को गौरव की अनुभूति होती है। कारगिल में देश के वीर सपूतों ने दुरुह और दुष्कर परिस्थितियों में भारत के गौरव की रक्षा कर संसार को बता दिया कि मातृभूमि की रक्षा में हर भारतीय हर समय प्राण-प्रण से बलिदान देने के लिये तत्पर रहता है।
गोली का जवाब अब बम-गोले से देते हैं
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब आतंक-परस्त देशों को गोली का जवाब बम-गोले से दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पहले गोली के जवाब में हम शांति के कबूतर उड़ाते थे, लेकिन अब आतंक के ठिकानों को हमारे जाँबाज घर में घुसकर उड़ाकर आते हैं। प्रधानमंत्री मोदी जवानों के मनोबल को सातवें आसमान तक ले जाने में कोई कोर-कसर नहीं रखते हैं। प्रधानमंत्री हर दीवाली सेना के वीर जवानों के साथ उनके मोर्चे पर मनाते हैं।
शहीदों और परिजनों का मान-सम्मान सर्वोपरि
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सेना में अद्भुत साहस और शौर्य के लिये परमवीर चक्र और शौर्य चक्र प्राप्त करने वाले जवानों अथवा उनके परिजनों को एक करोड़ रूपये की राशि प्रदान करती है। देश के नाम शहादत देने वाले जवान के परिवार को एक करोड़ रूपये की राशि के साथ एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाती है। इतना ही नहीं, शहीद के माता-पिता को 5 हजार रूपये प्रतिमाह की पेंशन भी दी जाती है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार के लिये देश की आन-बान-शान के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों और उनके परिजन का मान-सम्मान सर्वोपरि है।
शौर्य स्मारक पर हर दिन लगा रहता है मेला
"पूजे न गये शहीद तो यह पंथ कौन अपनायेगा, तोपों के मुँह से अकड़ अपनी छातियाँ अड़ायेगा'' जैसी ओजस्वी पंक्तियों के साथ गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि भोपाल के शौर्य स्मारक पर पूरे साल हर दिन मेला लगा रहता है। भोपालवासियों के साथ ही भोपाल आने वाले लोग शौर्य स्मारक में वीर जवानों को श्रद्धा-सुमन के साथ नमन जरूर करते हैं।
वेब पोर्टल से घर बैठे मिलेगी जानकारी
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कारगिल विजय दिवस पर मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण वेब पोर्टल का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि वेब पोर्टल को जवानों के शौर्य की गाथाओं के साथ छायाचित्र और चलचित्र से समृद्ध बनायें। इससे आमजन को देश-भक्ति, देश-प्रेम और देश के लिये प्राण न्यौछावर करने की प्रेरणा मिलेगी। लोकार्पित वेब पोर्टल और मोबाइल एप से सैनिक कल्याण की समस्त योजनाओं संबंधी जानकारियाँ प्राप्त हो सकेंगी। इसके जरिये आवेदनों का भी ऑनलाइन अनुमोदन किया जा सकेगा। इसमें क्यू.आर. कोड से सैनिक कल्याण निधि में सहयोग राशि जमा कराने की सुविधा भी प्रदान की गई है।
कारगिल के शहीदों के परिजन हुए सम्मानित
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने शहीद हुए मेजर अजय कुमार सेना मेडल, हवलदार बृजभूषण तिवारी, नायक कालू प्रसाद सेना मेडल, लांस नायक राजेन्द्र कुमार यादव सेना मेडल, सिपाही राजेन्द्र सेन के परिजनों को शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया।
द्वितीय विश्व-युद्ध के नॉन पेंशनर हुए सम्मानित
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने द्वितीय विश्व-युद्ध के नॉन पेंशनर्स के परिजनों को भी शॉल-श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने सिपाही स्व. मुशीर अहमद, सिपाही स्व. मोहम्मद सईद खान, सिपाही स्व. मोहम्मद शरीफ के परिजनों को ई-भुगतान आदेश के प्रतीकात्मक पत्र भेंट किये।
सशस्त्र सेनाओं में सेवारत पुत्रियों के अभिभावक सम्मानित
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने सशस्त्र सेनाओं में सेवारत पुत्रियों के अभिभावकों को सम्मान निधि के ई-भुगतान आदेश की प्रतियाँ प्रदान की। डॉ. मिश्रा ने विंग कमाण्डर प्रेरणा तिवारी की माता श्रीमती वंदना तिवारी, स्क्वाड्रन लीडर दिव्या पंडित के पिता गेश पंडित को ई-भुगतान आदेश के साथ शॉल-श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया।