ग्वालियर। मध्य प्रदेश के लोकायुक्त ने नायब तहसीलदार के रीडर को 3 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। रीडर ने एक किसान से उसकी जमीन का नामांतरण कराने के बदले पैसों की मांग की थी। किसान ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी। गुरुवार को तहसीलदार वृत छीमक में किसान ने रीडर ओमप्रकाश शर्मा को पैसे दिए। रीडर ने जैसे ही पैसे जेब में रखे, टीम ने उन्हें पकड़ लिया।   


 

गोबरा गांव के रहने वाले किसान उदयभान सिंह रावत ने कुछ दिन पहले लोकायुक्त एसपी संजीव सिन्हा के पास शिकायत की थी, उसकी गांव की जमीन का नामांतरण कराना है, लेकिन नायब तहसीलदार छीमक डबरा के कार्यालय में पदस्थ रीडर सहायक ग्रेड-3 ओमप्रकाश शर्मा फाइल में कमियां निकालकर परेशान कर रहा है। साथ ही, कहता है कि तीन हजार रुपए में यह कमियां दूर हो सकती हैं। इस पर लोकायुक्त एसपी ने तत्काल किसान उदयभान को बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए कहा। दो दिन पहले किसान पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर लाया और लोकायुक्त टीम को सौंपी। उसने रीडर को फोन कर गुरुवार को आकर रुपए देने की बात कही थी।

गुरुवार को लोकायुक्त डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर के नेतृत्व में टीम ने जाल बिछाया। पहले उदयभान सिंह अंदर गया। रीडर ओमप्रकाश को रिश्वत के 3 हजार रुपए दिए। ओमप्रकाश ने रुपए जेब में रखे। इसी समय लोकायुक्त की टीम पहुंच गई। जेब में पैसे रखते ही रीडर के सामने लोकायुक्त की टीम खड़ी हो गई। लोकायुक्त टीम को सामने खड़ा देख ओमप्रकाश के होश उड़ गए। लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत के केमिकल लगे रुपए निगरानी में लिए। इसके बाद रीडर के हाथ धुलवाए, तो वह गुलाबी हो गए। इस पर प्रकरण बनाकर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।