कोलकाता । बंगाल में तृणमूल सरकार, केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को प्रस्ताव सदन में पेश किया गया। प्रस्ताव पेश होने के बाद बीजेपी विधायकों ने इसका विरोध किया। सदन में ही जमकर हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाकर सदन से वॉकआउट कर दिया। इस मौके पर ममता बनर्जी ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोलकर कहा कि हम किसानों के साथ हैं और हम चाहते हैं कि ये कानून वापस हों। बीजेपी ने तीनों कृषि कानून जबरन पास किया है। मोदी सरकार ने दिल्ली की स्थिति को बहुत बुरी तरह से संभाला है और वहां जो कुछ हुआ उसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है।
बंगाल की सीएम ने कहा कि बीजेपी पहले दिल्ली की स्थिति से निपटे उसके बाद बंगाल के बारे में सोचें। ममता यहीं नहीं रुकी। उन्होंने अमित शाह पर भी तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली की किसानों के आंदोलन से पुलिस सही तरीके से नहीं निपट पाई। अगर यह बंगाल होता तब अमित भैया (अमित शाह) कहते, 'क्या हुआ?' हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। हम चाहते हैं कि इन तीन कानूनों को निरस्त किया जाए। ममता ने कहा कि बीजेपी हमेशा हर आंदोलन को आतंकवादी गतिविधी बताती है। तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी पूरे देश को लंका कांड की तरह जला रही है। इतना बड़ा आंदोलन चल रहा है। छोटी-मोटी घटनाएं हो सकती हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें आतंकवादी कहा जाए। बीजेपी किसानों को आंतकवादी बना रही है हम उनके इस प्रयास को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
विधानसभा में नियम 169 के तहत प्रस्ताव पेश किया गया। प्रदेश सरकार की कोशिश थी कि विपक्षी कांग्रेस व वाम मोर्चा को भी इस मुद्दे पर साथ लाया जा सके लेकिन वे नियम 185 के तहत प्रस्ताव लाने की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने ममता सरकार के तहत 2014 में लाए गए एक और कृषि कानून को भी निरस्त किए जाने की मांग की। नियम 169 के तहत सरकार विधानसभा में प्रस्ताव पेश करती है जबकि नियम 185 के तहत कोई भी दल सदन में प्रस्ताव पेश कर सकता है।