जबलपुर.जबलपुर (Jabalpur) पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भांडाफोड़ किया,जो जाली बही के जरिए आरोपियों को जमानत दिलाता था.पुलिस ने गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्ज़े से नकली बही,सील,कंप्यूटर और प्रिंटर जब्त किया है.इस गिरोह की वकीलों और बाबुओं से सांठगांठ का शक है.

जबलपुर ज़िले में न्यायालय से फर्जीवाड़े का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है.इस मामले में पकड़े गए आरोपी महज एक से डेढ़ हजार रुपए में ही जाली बही और आधार कार्ड बनवाकर लोगों की कोर्ट से जमानत करवा देते थे. उस जमानत के एवज में आरोपियों के परिवार से मोटी रकम वसूला करते थे.

एक से डेढ़ हज़ार मे तैयार करते थे बही
लंबे समय से जबलपुर पुलिस को शिकायत मिल रही थी कि कोर्ट में ऐसा गिरोह सक्रिय है जो जाली बही और अन्य दस्तावेजों के आधार पर जमानत करवाता है.पुलिस के मुताबिक गिरोह का सरगना और मास्टर माइंड मुन्ना उर्फ शौकत गोहलपुर थाने का निगरानी शुदा बदमाश है. शौकत को सिविल लाइंस पुलिस ने जाली ज़मानत मामले में 2015 में गिरफ्तार भी किया था.इतना ही नहीं आरोपी शौकत के खिलाफ नरसिंहपुर जिले के कोतवाली में भी 2017 में इसी तरह का एक मामला दर्ज है,जिसमे शौकत फरार चल रहा था.

महिला गिरफ्तार

गिरोह में शामिल सलमा नाम की महिला के खिलाफ साल 2018 में जबलपुर के सिविल लाइन और बीते साल 20 में ओमती में जाली बही लगाकर ज़मानत कराने का मामला कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था. दोनों ही मामलो में सलमा भी फरार चल रही थी,जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

13 साल से गोरखधंधा
पुलिस के मुताबिक पकड़ी गई ये गैंग 13 साल से जाली बही तैयार कर ज़मानत करा रहा था. गिरोह के पास से तेंदूखेड़ा दमोह, कटनी, इटारसी, नरसिंहपुर, मंडला, जबलपुर, सतना, रीवा जिले की कुल आठ तहसील और तहसीलदारों के नाम की सील बरामद हुई हैं. इसके अलावा 25 जाली बही भी मिली हैं. आरोपी किसी के भी नाम के खसरे का रिकॉर्ड निकलवा कर उसकी जाली बही बनाते थे.इन बहियों में फोटो मुन्ना, सलमा और उसके बेटों सहित अन्य लोगों का लगाकर कोर्ट से जमानत कराते थे.

वकील-बाबुओं से सांठगांठ का शक
जांच में जुटी पुलिस को जाली बही के इस खेल में कुछ वकील और बाबुओं की सांठगांठ का शक भी है,क्योंकि वे ही ज़मानत कराने वाले आरोपियों का नाम इस गिरोह को उपलब्ध कराते थे. फिर गैंग जाली जमानतदार की व्यवस्था करता था और जाली बही लगाकर जमानत कराई जाती थी.पुलिस के मुताबिक पूछताछ में गिरोह ने ये बात कबूल की है कि एक जमानत कराने के एवज में वो 5 से 10 हजार रुपए लेता था.