नई ‎दिल्ली । केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वाट्सएप द्वारा निजता नीति को लेकर भारतीय व यूरोपीय उपयोगकर्ताओं से अलग-अलग व्यवहार उसके लिए चिंता का विषय है और वह इस मामले को देख रही है। केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय से कहा कि यह भी चिंता की बात है कि सोशल नेटवर्किंग मंच वाट्सएप पर भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एकतरफा तरीके से निजता नीति में बदलाव किया जा रहा है। अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल चेतन शर्मा ने सरकार की इस राय से न्यायमूर्ति संजीव सचदेव की अदालत को अवगत कराया जो फेसबुक के स्वामित्व वाले वाट्सएप द्वारा लाई गई निजता नीति के खिलाफ एक वकील द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान शर्मा ने अदालत से कहा कि भारतीय उपयोगकर्ताओं को फेसबुक की अन्य कंपनियों के साथ डाटा साझा करने के संबंध में विकल्प नहीं देना, प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि वाट्सएप उपयोगकर्ताओं के साथ स्वीकार करो या सेवा नहीं देंगे की नीति पर चल रहा है। उन्होंने कहा ‎कि वाट्सएप द्वारा उपयोकर्ताओं को समझौते के लिए मजबूर करने का सामाजिक प्रभाव पड़ सकता है जिससे सूचना की निजता एवं सूचना सुरक्षा का हित प्रभावित हो सकते हैं।