ममता बनर्जी शुभेंदु अधिकारी के गढ़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी, बोलीं- दल बदलुओं की परवाह नहीं
 


पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ने लगा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आगामी चुनाव में उसी नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया, जहां से 2016 में उनके खास रहे शुभेंदु अधिकारी चुनाव जीते थे। शुभेंदु हाल ही में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।

पूर्वी मिदनापुर स्थित नंदीग्राम को शुभेंदु का गढ़ माना जाता है। यहां रैली के दौरान ममता ने कहा कि किसी के पाला बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। जब TMC का गठन हुआ था, तब इनमें से कोई भी पार्टी के साथ नहीं था। अगर संभव हुआ तो मैं नंदीग्राम और भवानीपुर दोनों जगहों से चुनाव लड़ूंगी।

TMC में टूट जारी

19 दिसंबर को शुभेंदु के साथ सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 MLA ने भी भाजपा ज्वॉइन की थी। इनमें 5 विधायक TMC के ही थे। इससे पहले तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी, सैकत पांजा, शीलभद्र दत्ता, दिपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यांपदा मुखर्जी, बिस्वजीत कुंडू और बनश्री माइती ने पिछले महीने भाजपा ज्वॉइन की थी।

नंदीग्राम से ममता के चुनाव लड़ने के मायने

मिदनापुर में शुभेंदु के परिवार का वर्चस्व है। उनके पिता कांग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं। वे UPA सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे और अभी तृणमूल से सांसद हैं। शुभेंदु खुद लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। शुभेंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस परिवार का 6 जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर असर है।

विजयवर्गीय ने किया था सरकार गिराने का दावा

इससे पहले 14 जनवरी को बंगाल के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया था कि उनके पास TMC के 41 विधायकों की लिस्ट है, जो भाजपा में आना चाहते हैं। अगर ये लोग भाजपा में आए, तो यहां की सरकार गिर जाएगी।

बंगाल में चुनावी सरगर्मी

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा 10 दिसंबर को बंगाल दौरे पर गए थे। तभी उनकी गाड़ी पर हमला हो गया था। इसमें बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को चोट आई थी। हमले के एक महीने बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा 9 जनवरी को फिर बंगाल दौरे पर थे। उन्होंने बर्धमान की सभा में कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जमीन खिसक चुकी है। तृणमूल कार्यकर्ता तिरपाल चोर हैं। अम्फान तूफान के समय केंद्र ने लोगों को अस्थाई घर बनाने के लिए तिरपाल भेजे थे। TMC के लोग तिरपालों को अपने घर ले गए।