झाबुआ पहुंचा बर्ड फ्लू:जिस पोल्ट्री फार्म से धोनी को कड़कनाथ भेजने थे, वहां संक्रमण की पुष्टि; 4 दिन में डेढ़ हजार से ज्यादा मुर्गों और चूजों की मौत
जांच करने के लिए पशु पालन विभाग की टीम पहुंची।
एक किलोमीटर के दायरे के सभी पक्षी मारे जाएंगे, पशुपालन विभाग की टीम पहुंची
4 दिन पहले भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट मंगलवार को आई
बर्ड फ्लू झाबुआ तक पहुंच गया है। जिले में बर्ड फ्लू संक्रमण के पहले केस की पुष्टि हुई है। थांदला के पास रूंडीपाड़ा में विनोद मेड़ा के पोल्ट्री फार्म से 4 दिन पहले भेजे गए कड़कनाथ के शव की सैंपल जांच की रिपोर्ट मंगलवार को मिली। रिपोर्ट आने के बाद जिले से पशुपालन विभाग और राजस्व विभाग के अफसर यहां पहुंचे। एक किलोमीटर के दायरे में बर्ड डिस्पोजल का काम शुरू कर दिया गया। इस इलाके के सभी मुर्गे-मुर्गियों को हल्का एनेस्थेसिया देकर, फिर उन्हें मारकर गहरे गड्ढे में दफनाया जाएगा। 15 कर्मचारियों की टीम ने ये काम शुरू कर दिया।
4 दिनों में डेढ़ हजार से ज्यादा मुर्गों और चूजों की मौत
फार्म संचालक विनोद ने बताया, बीते 4 दिनों में डेढ़ हजार से ज्यादा मुर्गों और चूजों की मौत उनके फार्म में हो चुकी है। आपको बता दें, रूंडीपाड़ा के इसी फार्म को महेंद्रसिंह धोनी ने कड़कनाथ के 2 हजार चूजों का ऑर्डर दिया था। मौसम सही होने पर इन्हें रांची ले जाना था। डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग विल्सन डावर ने भी संक्रमण होने की पुष्टि की है। वे टीम के साथ पहुंच गए हैं। टीम ने गांव के पास नाले के किनारे जेसीबी से गड्ढा कराया। इसमें मारे गए पक्षियों को दफनाकर ऊपर से चूना डालकर कांटे बिछाए जाएंगे।
भोपाल से भी विभाग के संचालक ने पत्र भेजकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। एक किलोमीटर से 9 किलोमीटर के दायरे में बर्ड फ्लू के सैंपल लिए जाएंगे और सैनिटाइजेशन किया जाएगा। इस क्षेत्र में 3 महीने तक पोल्ट्री के आवागमन और व्यापार पर रोक लगाई जा सकती है। डावर ने बताया, भारत सरकार ने बर्ड फ्लू एक्शन प्लान 2021 जारी किया है। इसके मुताबिक ही काम किया जा रहा है।
बचाव के उपाय करेंगे, कोशिश होगी कि भय न फैले
कलेक्टर रोहित सिंह ने बताया कि पशुपालन विभाग को निर्देश दिए हैं। वो टीम लेकर गांव में गए हैं। जो भी जरूरी उपचार और उपाय गाइडलाइन में है, वो किए जाएंगे। एहतियात के कदम भी उठाएंगे। लेकिन ये भी कोशिश है कि लोगों में बेवजह का भय न फैले।