मुंबई । पूर्व विधायक आशीष देशमुख कांग्रेस छोड़कर भाजपा में दोबारा शामिल हो गए। उल्लेखनीय है कि अगले साल महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा के चुनाव होने हैं। देशमुख नागपुर में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की उपस्थिति में भगवा दल में शामिल हुए। देशमुख वर्ष 2014 विधनसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। देशमुख ने भाजपा के टिकट पर नागपुर के कटोल सीट से चुनाव लड़ा और अपने चाचा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रत्याशी अनिल देशमुख को हराया था। हालांकि, वर्ष 2018 में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ आशीष देशमुख को उतारा था। कांग्रेस ने पिछले महीने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयान देने पर उन्हें दल से निष्कासित कर दिया।
देशमुख ने कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले पर भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ साठगांठ करने का आरोप लगाया था।देशमुख ने कहा कि मैं वर्ष 2024 में लोकसभा या विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा। मैं पार्टी और ओबीसी के हितों की रक्षा के लिए काम करूंगा। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का नाम लिए बिना उनकी आलोचना करते हुए कहा कि मैं विदर्भ क्षेत्र में नानागिरि खत्म करने के लिए काम करूंगा। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस के पीठ में छूरा घोंपा था, अब समय उन्हें सही जगह दिखाने का है। गौरतलब है कि देशमुख के पिता रंजीत देशमुख प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़ अपनी पार्टी बना ली थी।
भाजपा में दोबारा शामिल हुए पूर्व विधायक देशमुख
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