नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का कार्यकाल शुरू हो गया है। 4 जनवरी यानी सोमवार को भारत के पहले कार्य दिवस की शुरुआत हुई। भारत ने अपने कार्य दिवस के पहले दिन ही यह बता दिया कि वह आतंकवाद के मुद्दे को अपनी प्राथमिकताओं में रखता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने  कहा कि भारत आतंकवाद जैसे मानवता के साझा दुश्मनों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने से संकोच नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत सुरक्षा परिषद में अपने कार्यकाल का उपयोग अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा से जुड़े मसलों का मानव-केंद्रित एवं समावेशी समाधान के लिए करेगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरूमूर्ति ने यहां सुरक्षा परिषद में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कहीं। इस कार्यक्रम में सुरक्षा परिषद के पांच नये अस्थायी सदस्यों-भारत, नार्वे, केन्या, आयरलैंड और मैक्सिको के झंडे लगाये गये। पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में भारत का एक जनवरी से अस्थायी सदस्य के रूप में 2021-22 का कार्यकाल प्रारंभ हुआ। 2021 में चार जनवरी आधिकारिक रूप से पहला कार्य दिवस भी रहा। तिरूमूर्ति ने भारतीय तिरंगा लगाया और कहा कि भारत आठवीं बार सुरक्षा परिषद का सदस्य बना है।  उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत अपने कार्यकाल का उपयोग अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा से जुड़े मसलों का मानव-केंद्रित एवं समावेशी समाधान के लिए करेगा और वह विकासशील दुनिया की आवाज बनेगा। भारत अगस्त 2021 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का अध्यक्ष होगा और फिर 2022 में एक महीने के लिए परिषद् की अध्यक्षता करेगा। परिषद् का अध्यक्ष हर सदस्य एक महीने के लिए बनता है, जो देशों के अंग्रेजी वर्णमाला के नाम के अनुसार तय किया जाता है। झंडा लगाने की परंपरा की शुरुआत कजाकिस्तान ने 2018 में शुरू की थी।