तवांग में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सात सैन्यकर्मियों की मृत्यु होने के दो दिन बाद इन सैनिकों के शव कथित तौर पर प्लास्टिक की बोरियों में लपेटे जाने और कार्डबोर्ड में बंधे होने की तस्वीरें सामने आने पर लोगों में आक्रोश फैल गया. सोशल मीडिया पर लोगों ने इसका जमकर विरोध किया. इस मामले पर सेना ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि स्थानीय संसाधनों से शवों को लपेटना 'भूल' थी और मृत सैनिकों को हमेशा पूर्ण सैन्य सम्मान दिया गया है.
उत्तरी सैन्य कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच एस पनाग ने शवों की तस्वीर के साथ अपने ट्वीट में कहा कि सात युवा अपनी मातृभूमि भारत की सेवा करने के लिए दिन के उजाले में निकले और वे अपने घर इस तरह आए.' इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेना ने बयान में कहा कि पार्थिव शरीरों को बॉडी बैग्स, लकड़ी के बक्से और ताबूत में लाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा.
बयान में कहा गया है, 'मृत सैनिकों को हमेशा पूर्ण सैन्य सम्मान दिया जाता है. शवों को बॉडी बैग्स, लकड़ी के बक्से, ताबूत में लाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा.' बाद में सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में सीमित संसाधनों के कारण हेलिकॉप्टर ज्यादा भार नहीं ले जा सकते. साथ ही यह भी कहा गया कि बॉडी बैग्स या ताबूत के बजाय शव उपलब्ध स्थानीय संसाधनों में लपेटे गए. यह एक भूल थी.' बयान में कहा गया कि गुवाहाटी बेस अस्पताल में पोस्टमार्टम के तुरंत बाद शवों को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ लकड़ी के ताबूत में रखा गया.
इसमें कहा गया है कि पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि देने के बाद सभी जवानों के शवों को उनके परिजन के पास भेजा गया.' एक अधिकारी के अनुसार तस्वीरें उस वक्त ली गईं जब शव गुवाहाटी में थे. लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) पनाग ने कहा कि जब तक ताबूत उपलब्ध नहीं हों तब तक शवों को अग्रिम स्थानों से ले जाने में उचित सैन्य बॉडी बैग्स का अवश्य इस्तेमाल किया जाना चाहिए. तस्वीरों के सामने आने के बाद ट्विटर पर कई लोगों ने रोष जाहिर किया. बता दें कि अरूणाचल प्रदेश के तवांग में शुक्रवार की सुबह Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में दो पायलटों समेत पांच वायु सेनाकर्मियों और थल सेना के दो सैनिकों की मौत हो गई थी.