हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शिक्षकों के हक में बड़ा फैसला करते हुए उनसे गैर शिक्षकीय कार्य कराने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही केन्द्र व राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.
दरअसल राजपत्रित प्रधानाध्यापक संघ ने मई में एक जनहित याचिका लगाई थी जिसमें कहा गया था कि एक ओर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर शिक्षकों पर लगातार दवाब बनाया जा रहा है, वहीं उनसे सरकार की विभिन्न योजनाओं में कार्य करवाया जा रहा है. इससे शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है. अब तो शौचालय के गड्ढे खोदने के काम में भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया.
मोहम्मद गौस के मकबरे से अतिक्रमण हटाने मामले में मांगी रिपोर्ट
ग्वालियर किला की तलहटी में मोहम्मद गौस के मकबरे तथा अन्य स्मारकों के आसपास से अतिक्रमण हटाये जाने संबंधी याचिका पर उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण को (एनएमए) सभी पहलुओं से जांच कर अपनी रिपोर्ट छह माह में प्रस्तुत करने को कहा है. निर्देश के अनुसार प्राधिकरण द्वारा ग्वालियर में सर्किट सिटिंग कर सभी पक्षों को सुना जाएगा.
संबंधित क्षेत्र में प्रतिबंधित क्षेत्र और विनियमित क्षेत्र में प्राधिकरण द्वारा उन अतिक्रमणों को चिन्हित किया जाएगा जो एन्शियंट मॉन्यूमेन्ट्स एण्ड आर्कियालॉजिकल साइट एण्ड रिमेन्स एक्ट 1958 तथा उसके अन्तर्गत बने नियमों के प्रावधानों के अनुसार अतिक्रमण की श्रेणी में आते हैं.
प्राधिकरण द्वारा इस प्रकार के अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजकर उन्हें सुनवाई तथा अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया जाएगा.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य करवाने पर लगाई रोक
आपके विचार
पाठको की राय